अवैध रेत उत्खनन के खिलाफ ग्रामीण हुए लामबंद स्वीकृत क्षेत्र को छोड़ नदी के दूसरे जगहों पर चल रहा था खनन का कार्य खनिज विभाग ने एक चैन माउंटेन को किया सील - state-news.in
ad inner footer

अवैध रेत उत्खनन के खिलाफ ग्रामीण हुए लामबंद स्वीकृत क्षेत्र को छोड़ नदी के दूसरे जगहों पर चल रहा था खनन का कार्य खनिज विभाग ने एक चैन माउंटेन को किया सील

 


गरियाबंद खनिज विभाग की कार्यवाही लगातार जारी है, आज दूसरे दिन लगातार अवैध रेत उत्खनन करने वालों पर खनिज विभाग ने शिकंजा कसा अवैध रेत उत्खनन को लेकर फिंगश्वर क्षेत्र के पत्थरी गांव के सैकड़ों ग्रामीण लामबंद हो गए है, ग्रामीणों का कहना है, कि रेत माफिया स्वीकृत क्षेत्र को छोड़कर अन्य जगहों से नदी के अन्य हिस्सों से लगातार रेत का अवैध उत्खनन कर परिवहन का कार्य धड्डले से कर रहा है, ग्रामीणों का आरोप है, कि ठेकेदार लगातार अवैध उत्खनन के कार्य में संलिप्त रहा है, फिंगेश्वर से लगे गणेशपुर रेत खदान स्वीकृत है, मगर रेत ठेकेदार द्वारा स्वीकृत इलाके को छोड़ पहले फिंगेश्वर नगर पंचायत अंतर्गत आने वाले सुखा नदी में मशीन से नदी के सीने को चीरते हुए अवैध उत्खनन के कार्य को अंजाम दिया और अब पत्थरि इलाके में अवैध तरीके से रेत उत्खनन कार्य में लगा हुआ था, पत्थरी के ग्रामीणों ने जागरूकता दिखाते हुए अपने इलाके के रेत के अवैध उत्खनन पर नाराजगी जाहिर करते हुए आज रेत उत्खनन के खिलाफ लामबंद हुए और पत्थरी गांव से किसी भी कीमत पर रेत उत्खनन नहीं होने देने की बात कही वहीं ग्रामीणों की शिकायत पर आज जिले के खनिज विभाग के अधिकारी ने ग्राम पत्थरी पहुंचकर अवैध उत्खनन कार्य में लगे चैन माउंटेन को सील किया है। 



रेत ठेकेदार द्वारा स्वीकृत जगह को छोड़ अन्य दूसरे जगह से एक किलोमीटर से भी अधिक नदी के क्षेत्र में अवैध उत्खनन का कार्य किया है, प्रशासन के नाक के नीचे सब कुछ होता रहा लेकिन खनिज विभाग को इसकी भनक तक नहीं लगी पर्यावरण नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के नियम कायदों को पूरी तरह ताक में रखकर रेत का अवैध उत्खनन किया गया प्रशासन और सुप्रीम कोर्ट के (एनजीटी) के नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई अब जब मामले में ग्रामीण लामबंद हुए तब जाकर खनिज विभाग ने एक चैन माउंटेन को सील करने की कार्यवाही की है।

नियम के मुताबिक वैद खदानों में भी पोकलेन, चैन माउंटेन जैसे मशीनों से रेत उत्खनन का कार्य नहीं करना है, बावजूद इसके रेत ठेकेदार दिन रात मशीन से नदियों की खुदाई कर रहे है, वक्त रहते पर्यावरण और नदियों के सरक्षण पर ध्यान नहीं दिया गया तो धीरे धीरे इन जीवन दायिनी नदियों का अस्तित्व समापति के कगार पर चला जाएगा।

Previous article
Next article

Articles Ads

Articles Ads 1

Articles Ads 2

Advertisement Ads