कांग्रेस नेता विनोद तिवारी ने रायपुर एसपी को पत्र सौंपकर भाजयुमो द्वारा युवाओं को आंदोलन के लिए उकसाने, नकारात्मकता फैलाने एवं भयभीत किए जाने के संबंध में कार्रवाई की मांग किए - state-news.in
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कांग्रेस नेता विनोद तिवारी ने रायपुर एसपी को पत्र सौंपकर भाजयुमो द्वारा युवाओं को आंदोलन के लिए उकसाने, नकारात्मकता फैलाने एवं भयभीत किए जाने के संबंध में कार्रवाई की मांग किए


 रायपुर. कांग्रेस नेता विनोद तिवारी ने रायपुर एसपी को पत्र सौंपकर भाजयुमो द्वारा युवाओं को आंदोलन के लिए उकसाने, नकारात्मकता फैलाने एवं भयभीत किए जाने के संबंध में कार्रवाई की मांग की है. तिवारी ने पत्र में कहा है कि विगत दिनों न्यायालय से आरक्षण संबंधी रोक हटने के बाद राज्य में बड़े पैमाने पर विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की रुकी हुई प्रक्रिया आगे बढ़ी है. हाल ही में छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा राज्य सेवा परीक्षा 2021 का परिणाम घोषित किया गया. इससे प्रदेश के युवाओं में अपने सुनहरे भविष्य को लेकर एक आशा व्याप्त हुई और सकारात्मकता बढ़ी थी.


तिवारी ने कहा, इसी बीच भारतीय जनता पार्टी भारतीय जनता युवा मोर्चा ने राज्य सेवा परीक्षा 2021 में कथित तौर पर गड़बड़ी होने का आरोप लगाया और अधिकारियों के बच्चों के चयन को संदिग्ध बताते हुए मीडिया, सोशल मीडिया के माध्यम से पीएससी में भ्रष्टाचार का काफी प्रचार किया गया. भाजयुमो के लोगों द्वारा अपने मीडिया एवं सोशल मीडिया पर होने वाले प्रचार को निष्प्रभावी पड़ने के कारण विभिन्न कोचिंग संस्थाओं और प्रतियोगियों के पालकों पर दबाव डाला जा रहा है कि कोचिंग संस्थान अपने विद्यार्थियों को और पालक अपने बच्चों को पीएससी को लेकर होने वाले आंदोलन में भाग लेने भेजें.

विनोद तिवारी ने पत्र में आगे कहा है कि एक पूर्व आईएएस ओपी चौधरी द्वारा एक पत्र भी जारी किया गया, जो कथित रूप से किसी पीएससी की तैयारी कर रहे युवा द्वारा किसी ग्रुप में शेयर किया गया था. इसमें पीएससी का पेपर लीक हो जाने, प्रशासनिक अधिकारी के पुत्र को प्रश्न पत्र प्राप्त हो जाने सहित अन्य आरोप लगाए गए थे. भाजयुमो एवं भाजपा की ओर से इस पत्र के आधार पर बड़े पैमाने पर आंदोलन प्रदर्शन हर जगह किया जा रहा और युवाओं को इसमें भाग लेने उकसाया जा रहा है.

तिवारी ने कहा, भाजपा व भाजयुमो के लोगों को यदि राज्य सरकार के विरूद्ध कोई मुद्दा बनाना है तो वो बेशक बनाएं लेकिन वे कोचिंग संस्थानों पर अपने विद्यार्थियों को आंदोलन में भेजने जो दबाव बना रहे हैं या पालकों को उनके बच्चों के भविष्य के नाम पर जो डरा रहे हैं वह नैतिक रूप से भी गलत है और कानूनी रूप से भी अवैध है. यदि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले बच्चों को किसी बात पर आपत्ति होगी तो वे बिना किसी राजनीतिक दल की कठपुतली बने, स्वयं उपयुक्त मंचों पर अपनी बात रखने में सक्षम हैं, परंतु भाजयुमो के लोगों द्वारा दबाव की राजनीति की जा रही है, वह सर्वथा आपत्तिजनक है.

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