मर्डर का खुलासा: मृतक द्वारा अप्राकृतिक संबंध बनाने की मांग किए जाने पर..आरोपी ने की थी हत्या...मृतक के अंतिम संस्कार में भी शामिल हुआ था आरोपी....पढ़िए पूरी खबर....।
धमतरी- मकई तालाब में हुई हत्या के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। कोतवाली और साइबर सेल की टीम ने अंधे कत्ल की गुत्थी को सुलझाते हुए आरोपी को गिरफ्तार किया है।
12 दिसंबर को शाम 4 बजे मकई तालाब में एक लाश मिली थी। जिससे हड़कंप मच गया। लाश की शिनाख्ती क्रांति चतुर्वेदी सा ल्हेवार पारा के रूप में हुई थी। पानी में डूबे होने की वजह से लाश सड़ने लगी थी। आरोपी ने क्रांति चतुर्वेदी का गला रेत कर हत्या की थी। सूचना मिलने पर सिटी कोतवाली प्रभारी शेरसिंह बन्दे व साइबर सेल की टीम घटनास्थल पर पहुंचे। पुलिस अधीक्षक प्रशांत ठाकुर के निर्देश पर जांच शुरू की गई।
पुलिस ने क्रांति के मिलने जुलने वालों से पूछताछ शुरू की। इसी बीच यह जानकारी मिली कि क्रांति 6 दिसंबर को घर से निकला था। जिसका गुम इंसान 8 दिसंबर को कोतवाली थाने में दर्ज है। जांच टीम ने 6 दिसंबर से सीसीटीवी फुटेज खंगालना शुरू किया। इसी बीच एक युवक फुटेज में शराब लेकर आते हुए दिखाई दिया। पूछताछ में लोगों ने यह भी बताया कि रफीक खान के साथ क्रांति को देखा गया था। पुलिस रफीफ खान के पता तलाश में जुट गए।
*नशे के बीच में दोनों में हुआ विवाद*
6 सितंबर की रात आरोपी रफीक खान और क्रांति चतुर्वेदी दोनों ने बैठकर शराब पी। इसी बीच मृतक क्रांति ने रफीक अपने साथ अप्राकृतिक संबंध बनाने को कहा। रफीक के मना करने पर गाली गलौज करते हुए क्रांति ने पत्थर फेंककर मारा। जवाब में रफीक ने भी पत्थर मारा जो क्रांति के सिर में लगी। क्रांति वहीं पर गिर गया। तभी नशे की हालत में रफीक खान ने अपने पास रखे धारदार हथियार से क्रांति के गले पर वार किया। जिससे क्रांति की मौत हो गई। घटना रात्रि 12 से 1 बजे की हैं। मृतक को मारने के बाद आरोपी घर चले गया।
*पुलिस को ऐसे हुआ शक*
पुलिस 6 दिसंबर को शाम से मिलने जुलने वालो से पूछताछ कर रही थी। फुटेज और कुछ पूछताछ में शक की सुई रफीक की ओर गई। हिरासत में लेकर पूछताछ करने पर रफीक ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। धारा 302 के तहत गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया।
उक्त आरोपी को पकड़ने में थाना प्रभारी उप पुलिस अधीक्षक शेर सिंग बंदे,उप निरीक्षक सुनील कश्यप सायबर सेल तकनीकी प्रभारी उप निरीक्षक नरेश कुमार बंजारे,सउनि अनिल यदु,प्रआर देवेन्द्र राजपूत,आरक्षक वीरेन्द्र सोनकर,विकास द्विवेदी,धीरज डरसेना,आनंद कटकवार,कृष्ण कन्हैया पाटिल,सितलेश पटेल, युवराज ठाकुर,भूपेन्द्र सिन्हा की सराहनीय भूमिका रही।