विश्व रक्तदाता दिवस के उपलक्ष्य में छत्तीसगढ़ राज्य एड्स नियंत्रण समिति रायपुर एवं स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग छत्तीसगढ़ शासन के संचालक नीरज बंसोड़ ने किया -रूपसिंग साहू को सम्मानित - state-news.in
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विश्व रक्तदाता दिवस के उपलक्ष्य में छत्तीसगढ़ राज्य एड्स नियंत्रण समिति रायपुर एवं स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग छत्तीसगढ़ शासन के संचालक नीरज बंसोड़ ने किया -रूपसिंग साहू को सम्मानित

  


गरियाबंद सामाजिक कार्यकर्ता रूपसिंग साहू का छत्तीसगढ़ राज्य एड्स नियंत्रण समिति रायपुर लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग छत्तीसगढ़ शासन द्वारा आज विश्वा रक्तदाता दिवस के अवसर पर राज्य स्तरीय रक्तदाता सम्मान समारोह न्यू सर्किट हाउस सिविल लाइन रायपुर में साहू को सम्मानित किया गया कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संचालक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग छत्तीसगढ़ शासन के नीरज बंसोड़ जी ने किया अध्यक्षता के रूप में डॉ विष्णु दत्त संचालक चिकित्सा शिक्षा छत्तीसगढ़ शासन एवं विशेष अतिथि के रुप में अधिष्ठाता पंडित जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय महाविद्यालय रायपुर के डॉ तृप्ति नगरिया जी की गरिमामय उपस्थिति में आयोजित किया गया रूपसिंग साहू सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा पिछले 12 सालों से लगातार गरियाबंद जिला व ग्रामीण दूर अंचल व अंतिम छोर में बसे व्यक्ति के साथ छत्तीसगढ़ के सभी जिलों के निर्धन जरूरतमंद गरीब मरीजों को निशुल्क सेवा एवं स्वास्थ्य विभाग के महती योजना का लाभ दिलाना एवं नव युवकों को लगातार प्रेरणा देते हुए रक्तदान करने की अपील करते हुए हर संभव मदद एवं हर समाज के प्रमुख जनों को लगातार रक्तदान करने की समाज में एक अच्छा संदेश लेकर प्रेरित कर रहा है एवं हमारे राज्य के डॉक्टर भीमराव अंबेडकर अस्पताल रायपुर में लगातार निशुल्क सेवा देने पर संचालक स्वास्थ्य सेवाएं सह परियोजना संचालक छत्तीसगढ़ राज्य एड्स नियंत्रण समिति द्वारा सम्मानित कर जिले के मान सम्मान बढ़ाया है साथ ही ऐसी व्यक्ति विचार धारा सेवा भाव से जोड़कर काम करने की जरूरत है तभी हम सब मिलकर समाज को परिवार में अच्छा संदेश देने की संकल्प लेते हुए गौरव की बात है साहू ने कहा कि मैं बड़ा सौभाग्यशाली हूं मानव सेवा में हमेशा तत्परता सेवा देता हूं जो कि मान सम्मान मुझे मिला साथ ही कहा 14 जून को पूरे विश्व के बहुत सारे देशों मैं लोगों के द्वारा हर वर्ष विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जाता है रक्तदाता इस दिन एक मुख्य भूमिका में होता है जो कि वह जरूरतमंद व्यक्ति को जीवन बचाने वाला रक्तदान करते हैं वर्ष 2004 में विश्व स्वास्थ्य संगठन अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस संघ तथा रेड क्रिसेंट समाज के द्वारा 14 जून को वार्षिक तौर पर मनाने के लिए पहली बारिश की शुरुआत और स्थापना हुई पर्याप्त रक्त आपूर्ति को सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षित और बिना भुगतान वाले रक्तदाता स्वेच्छा से रक्तदान देने वाले को बढ़ावा देने अपने बहुमूल्य कदम के लिए रक्तदान करने वालों को धन्यवाद करने के लिए पूरे विश्व के सभी देशों को प्रोत्साहित करने के लिए 58 वे विश्वा स्वास्थ्य सम्मेलन में 2005 में मई महीने में इसके 152 सदस्य राज्यों के साथ डब्ल्यूएचओ के द्वारा विश्व रक्तदाता दिवस की अधिकारिक रूप से स्थापना की गई थी विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानक के तहत भारत में सालाना एक करोड़ यूनिट रक्त की जरूरत है लेकिन उपलब्ध 7500000 यूनिटी हो पाता है यानी करीब 25 लाख यूनिट रक्त के अभाव में हर साल सैकड़ों मरीज दम तोड़ देते हैं राजधानी दिल्ली में आंकड़ों के मुताबिक यहा हर साल 350 लाख रक्त यूनिट की आवश्यकता रहती है लेकिन स्वैच्छिक रक्त दाताओं से इसका महज 30 फ़ीसदी ही जूट पाता है जो हाल दिल्ली का है वहीं शेष भारत का है यह अकारण नहीं है कि भारत की आबादी भले ही सवा अरब पहुंच गई हो रक्त दाताओं का आंकड़ा कुल आबादी का 1% भी नहीं पहुंच पाया है विशेषज्ञों के अनुसार भारत में कुल रक्तदान का केवल 59 फ़ीसदी रक्तदान स्वैच्छिक होता है जबकि राजधानी दिल्ली में तो स्वैच्छिक रक्तदान केवल 32 फ़ीसदी है दिल्ली में 53 ब्लड बैंक है पर फिर भी एक लाख यूनिट रक्त की कमी है वही दुनिया के कई सारे देश है जो इस मामले में भारत को काफी पीछे छोड़ देते हैं।

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