धान के बदले अन्य फसल लेने किसानों को किया जाएगा प्रोत्साहित......धमतरी जिले में 19 हजार हेक्टेयर रकबे में फसल परिवर्तन का लक्ष्य, सुगंधित धान, कोदो-कुटकी, रागी लगाए जाएंगे.......! - state-news.in
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धान के बदले अन्य फसल लेने किसानों को किया जाएगा प्रोत्साहित......धमतरी जिले में 19 हजार हेक्टेयर रकबे में फसल परिवर्तन का लक्ष्य, सुगंधित धान, कोदो-कुटकी, रागी लगाए जाएंगे.......!

 


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धमतरी, 04 मार्च 2022:- राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत धान के बदले अन्य वैकल्पिक फसलें लेने की महत्वाकांक्षी योजना राज्य सरकार द्वारा बनाई गई है। इसके तहत कृषि विभाग द्वारा कार्ययोजना तैयार की जा रही है। उप संचालक कृषि ने बताया कि इसी क्रम में धमतरी जिले को 19 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में फसल परिवर्तन का लक्ष्य दिया गया है। इसमें सामान्य धान के स्थान पर सुगंधित धान, फोर्टिफाइड, कोदो-कुटकी, रागी, अरहर, उड़द, कुल्थी, तिल, मूंगफली आदि की फसलें ली जाएंगी। उन्होंने बताया कि इसके लिए कृषि विभाग को कार्ययोजना बनाने एवं बीज उपलब्धता के लिए अभी से कार्ययोजना तैयार करने निर्देशित किया गया है। जिले में टॉप 5 प्रतिशत एवं बॉटम 5 प्रतिशत धान विक्रय करने वाले कृषकों को विशेष रूप से चिन्हित कर कार्ययोजना तैयार करने कहा गया है। जिले में कुल किसान एक लाख 58 हजार हैं, जिनमें से कुल पंजीकृत एक लाख 17 हजार 361, टॉप 5 प्रतिशत किसान पांच हजार 760 है। धान फसल का विगत वर्ष का रकबा 1.35 लाख हेक्टेयर है।

उन्होंने बताया कि कार्ययोजना में कृषि विभाग के विस्तार अमले एवं कृषकांे के साथ मासिक कार्यशाला, विभागीय योजना अंतर्गत विशेष कृषि पखवाड़ा का आयोजन, किसान न्याय योजना के अंतर्गत खरीफ धान के बदले अन्य फसल लगाने पर अतिरिक्त अनुदान के संबंध में व्यापक प्रचार-प्रसार, गौठान मेला आदि का आयोजन किया जाएगा। साथ ही प्रचार-प्रसार सामग्री, साहित्य प्रकाशन एवं वितरण कर ग्राम पंचायतों में दीवार लेखन, धान के बदले अन्य फसल लगाने वाले कृषकों को विभागीय योजनाओं एवं सिंचाई सुविधा विकास तथा कृषि यंत्रीकरण में प्राथमिकता देते हुए सुगंधित, फोर्टिफाइड, जी-आई टैग्ड एवं सुपरफाइन धान किस्मों एवं अन्य वैकल्पिक फसलों के बीज उत्पादन कार्यक्रम को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके अलावा टॉप पांच प्रतिशत धान बेचने वाले कृषकों की पहचान कर फसल परिवर्तन हेतु प्रोत्साहित कर उच्च एवं मध्यम भूमि के धान के बदले वैकल्पिक फसल को प्राथमिकता, अत्यधिक जलभराव वाले निच्चहन भूमि के धान के बदले मखाना, सिंघाड़ा, मछली पालन के लिए प्रोत्साहित भी किया जाएगा।

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