12 सूत्रीय मांगो को लेकर जिले के वन कर्मियों की हड़ताल....कहा- जब तक मांगे पूरी नहीं होती तब तक आंदोलन समाप्त नहीं....। - state-news.in
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12 सूत्रीय मांगो को लेकर जिले के वन कर्मियों की हड़ताल....कहा- जब तक मांगे पूरी नहीं होती तब तक आंदोलन समाप्त नहीं....।

 

धमतरी- वनकर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है। जिले के वनमंडल अंतर्गत वनरक्षक, वनपाल एवं क्षेत्रपाल अपनी 12 सूत्रीय मांगो को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे है।

वनकर्मी पुरानी पेंशन योजना लागू करने के साथ ही 12 सुत्रीय मांगो को लेकर वन विभाग के कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए है। बता दें धमतरी वनमंडल के करीब 250 कर्मचारी गांधी मैदान में धरने पर बैठे है। उन्होंने स्पष्ट रुप से कह दिया है कि जब तक मांगे पूरी नहीं की जाएगी तब तक आंदोलन समाप्त नहीं किया जाएगा। वनकर्मी जिन 12 सूत्रीय मांगो को लेकर हड़ताल कर रहे है यह कुछ इस प्रकार है।

वन रक्षक का वेतनमान 2003 से 3050 स्वीकृत किया जाए

वन रक्षक ,वनपाल,एवं क्षेत्रपाल कर्मचारियों का वेतनमांग अनुसार किया जाए ।

पुरानी पेंशन योजना लागू किया जाए,छत्तीसगढ़ राज्य गठन के पश्चात नया सेटअप पुनरीक्षण किया जाए।

महाराष्ट्र सरकार की तरह 5 हजार रुपए पौष्टिक आहार ,वर्दी भत्ता, दिया जाए। पदनाम वर्दी हेतु संबोधित नाम अन्य पहचान निर्धारण आदेश जारी किया जाए।

वनोपज संघ के कार्य हेतु 1 माह का अतिरिक्त वेतन दिया जाए।

काष्ठ वनोपज प्रदाय से कमी मात्रा की वसूली राइट आफ किया जाए विभागीय पर्यटन स्थल में वन करचारियों एवं सेवा निवृत्त वन कर्मचारियों को निशुल्क प्रवेश दिया जाए ।

वनपाल प्रशिक्षण अवधि 45 दिन किया जाए ।

वनपाल प्रशिक्षण केंद्र कोनी बिलासपुर किया जाए

भृत्य वानिकी चौकीदार का समायोजन किया जाए

दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों को नियमित किया जाए।

लेकिन यहाँ बता दें, मौजूदा शुष्क ऋतु को देखते हुए कर्मचारियों का हड़ताल पर होना, जंगल के लिए बेहद नुकसानी साबित हो सकता है ऐसा इसलिए क्योंकि जंगलों में दावानल शुरू हो गया है। ऐसे में जंगल में अगर आग लगती है, तो उसे कौन बुझाएगा यह एक बड़ा सवाल है। वनों की सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठने लगे है। धमतरी  वनमंडल में हाथियों का आना शुरु हो गया है, ऐसे में वनकर्मियों का हड़ताल पर होना खासकर हाथी प्रभावित लोगों के लिए चिंता का विषय है।

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