राजिम पुन्नी मेले में "फ्लैक्स पर बड़ा खेल खेला जा रहा है, इको फ्रेंडली की जगह नार्मल फ्लेक्स का कर रहे हैं इस्तमाल शासन को लगा रहे लाखो का चूना "
गरियाबंद। राजिम माघी पुन्नी मेला प्रचार प्रसार के लिए राज्य शासन एवं गरियाबंद जिला प्रशासन द्वारा अथक प्रयास किया जा रहा है। प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक एवं सोशल मीडिया के अलावा बैनर-पोस्टर के माध्यम से प्रचार-प्रसार को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसका फायदा भी मिल रहा है।
मगर बैनर-पोस्टर में बडी लापरवाही बरती जा रही है। ईको फ्रेंडली के स्थान पर प्लास्टिक के बैनर पोस्टर का इस्तेमाल किया जा रहा है जो शासन के नियमों के विरुद्ध तो है कि पर्यावरण के लिए भी नुकसानदायक है।
मामले में सबसे अहम बात ये है कि प्रचार-प्रसार के लिए मेला स्थल एव आसपास इलाके में बैनर-पोस्टर लगाने की जिम्मेदारी गरियाबंद जिला प्रशासन को दी गयी है। जिला प्रशासन द्वारा बकायदा इसके लिए टेंडर भी जारी किया गया। नियम शर्तो के आधार पर ठेकेदार को टेंडर जारी किया गया है।
जिला प्रशासन द्वारा वेंडर को ईको फ्रेंडली फ्लैक्स लगाने का टेंडर जारी किया गया है। लेकिन ठेकेदार द्वारा नियमों को ताक पर रखकर प्लास्टिक के बैनर-पोस्टर लगाए गए है।
मामले में दूसरी सबसे अहम बात ये है कि ऐसे फलैक्स किसी एक स्थान पर नही बल्कि पूरा मेला क्षेत्र में लगाये गए है जहां से जिला प्रशासन के जिम्मेदार दिन में कई बार आना-जाना करते है। मगर उसके बावजूद भी उनकी नजर इनपर नही पड़ी।
मेला क्षेत्र में लगने वाले फलैक्स के लिए जिला प्रशासन द्वारा बकायदा नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। जिसे फलैक्स की क्वालिटी और क्वांटटी पर निगरानी रखने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। नोडल की सहमति के बाद ही वेंडर को फलैक्स लगाने की अनुमति दी गयी है।
यहां ये बताना लाजमी है कि मेला क्षेत्र में बड़ी संख्या में फलैक्स लगाए गए है। जिसके बदले वेंडर को लाखों का भुगतान किया जाना है। इको फ्रेंडली एवं प्लास्टिक फलैक्स की कीमत में दोगुना अंतर रहता है। वेंडर को टेंडर ईको फ्रेंडली का जारी हुआ है और वेंडर द्वारा लगाया जा रहा है प्लास्टिक फलैक्स।
खुलेआम इतनी बड़ी लापरवाही हो रही है। ताज्जुब की बात है कि जिला प्रशासन की नजरों के सामने ये सब कुछ हो रहा है। मगर कोई कुछ बोलने को तैयार नही है। ऐसे में सवाल उठता है कि इतना बड़ा "खेला" आखिर किसके इशारे पर हो रहा है।
धर्मस्व मंत्री ताम्रध्वज साहू से मीडिया ने जब इस बारे में सवाल किया तो उन्होंने मामले से अनभिज्ञता जाहिर कर दी। उन्होंने कहा कि इस मामले में उन्हें कोई जानकारी नही है और ना ही ये मामला अबतक उनके संज्ञान में आया है।
खुलेआम इतनी बड़ी लापरवाही का जिम्मेदार आखिर कौन है। वेंडर आखिर किसके इशारे पर इतना बड़ा "खेला" खेल रहा है। क्या ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर मे ये खेल खेला जा रहा है।