17 साल की किशोरी के पीले हो रहे थे हाथ.....बारात आने से पहले आ धमकी महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम.....रुकवाई शादी.....!
धमतरी 18 फरवरी 2022 धमतरी से लगे एक गांव मे 17 वर्षीय नाबालिग किशोरी की शादी होने की सूचना पर शुक्रवार को चाईल्ड लाईन और महिला एंव बाल विकास विभाग की टीम ने मौके पर दबिश देकर बारात आने से पहले ही शादी रूकवाई.....
दरअसल बताया जा रहा है कि ग्राम बरारी के पास स्थित एक गांव में गुपचुप तरीके से नाबालिग किशोरी की शादी हो रही थी....बाल विवाह होने की सूचना जिला बाल संरक्षण अधिकारी आनंद पाठक को मिलते ही तत्काल बाल विवाह रोके जाने हेतु अपनी टीम के साथ रवाना हुए.....टीम मौके पर पहुँच कर किशोरी के उम्र के संबंध में आधार कार्ड और अंकसूची की माँग कर अवलोकन करने पर जानकारी हुआ..कि किशोरी की उम्र 17 वर्ष 03 माह है....जिस पर टीम के द्वारा परिजनों को बाल विवाह होने पर उसके दुष्परिणामों के बारे में बताया कि बाल विवाह से बच्चे को अच्छे स्वास्थ्य, पोषण एवं शिक्षा के अधिकारों से वंचित होना पड़ता है....बाल विवाह कानून में मान्य नहीं है....तथा यह अपराध की श्रेणी में आता है, यदि बाल विवाह होता है.....तो माता-पिता सहित विवाह में सम्मिलित होने वाले समस्त रिश्तेदारों को 02 वर्ष की जेल एवं एक लाख रूपये का जुर्माना हो सकता है..
जिस पर बालिका पक्ष के परिजनों ने अधिकारियों की बात मानकर विवाह रोक दिया....इधर मगरलोड विकासखण्ड से बारात आने वाली थी....लेकिन विभाग ने वर पक्ष को भी फोन से समझाईश दिया गया.....जिस पर वर पक्ष ने भी बाल विवाह नहीं करने की सहमति दी...दोनो पक्षों ने 09 माह बाद बालिग होने पर ही शादी करने राजी हो गये इस दौरान किषोरी पक्ष के पालकों ने शपथ पत्र, वचन पत्र एवं घोषणा पत्र गवाहों के समक्ष लिख कर दिया....
टीम में जिला बाल संरक्षण अधिकारी आनंद पाठक, पर्यवेक्षक तरूण यादव, विधिक परिविक्षा अधिकारी प्रमोद अमृत, सामाजिक कार्यकार्त प्रमोद नेताम एवं खिलेश्वरी साहू सम्मिलित थी। जिला बाल संरक्षण अधिकारी आनंद पाठक ने बताया कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अंतर्गत 18 वर्ष से कम आयु की लड़की तथा 21 वर्ष से कम उम्र के लड़कों का विवाह करना बाल विवाह माना गया है....
इस अधिनियम के अंतर्गत बाल विवाह किया जाना दण्डनीय अपराध माना गया है....एक वयस्क पुरुष का विवाह किसी 18 से कम उम्र की लड़की के साथ होने पर विवाह करने वाले वयरवा पुरुष तथा बाल विवाह सम्पन्न कराने वाले को दो वर्ष का कठोर कारावास या एक लाख रुपये जुर्माना या दोनो सजा से दंडित किया जा सकता हैं....इस अधिनियम के अंतर्गत नाबालिक बालकों के साथ किये गये विवाह को न्यायालय से अमान्य कराने का भी प्रावधान है.....
गौरतलब है कि धमतरी जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा 2016 से 2022 तक कुल 77 बाल विवाह रोका जा चुका है....वही इनके लगातार प्रयासों से जिले के लोगों में जागरूकता आई है.....एवं प्रतिवर्ष निरन्तर आकडा कम होता गया है...।