गरियाबंद : जनपद में बिगड़ा तालमेल, सीईओ और अध्यक्ष पर लगे गंभीर आरोप - state-news.in
ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer

गरियाबंद : जनपद में बिगड़ा तालमेल, सीईओ और अध्यक्ष पर लगे गंभीर आरोप

 


गरियाबंद। फिंगेश्वर जनपद पंचायत में फिलहाल सबकुछ ठीक नही चल रहा है। इसका अंदाजा 22 नवंबर को हुई सामान्य सभा की बैठक से लगाया जा सकता है। जानकारों के मुताबिक बैठक रात 12 बजे तक चली और काफी हंगामेदार रही। नाराज जनपद सदस्यों, सभापतियों और उपाध्यक्ष ने तीखे सवाल जवाब किए। 


नाराज सदस्यों का आरोप है कि उनकी जानकारी के बैगर जनपद अध्यक्ष और तत्कालीन सीईओ ने मिलकर 13 वे और 15 वें वित्त की डेढ़ करोड़ की राशि अपनी चहेती पंचायतों में बांट दी। नाराज जनपद सदस्यों के मुताबिक बैगर जानकारी राशि वितरण करने से उनके अधिकारों का हनन हुआ है। जिसकी शिकायत वे उच्चाधिकारियों से करेंगे। यही नही बैठक में जारी राशि की रिकवरी करने और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई का प्रस्ताव भी पास किया गया है। 


जनपद सभापति ने बताया कि अंधेरे में रखकर राशि जारी की गई है। वे जानना चाहती है कि आखिर किसके साइन ओर सहमति से राशि जारी हुई है। वही सभापति अर्चना सिन्हा ने कहा कि यह फिंगेश्वर जनपद के लिए शर्मनाक बात है। जनपद सदस्यों के हक को छिनने का प्रयास किया गया है। इसके लिए उन्होंने संगठित होकर हक की लड़ाई लड़ने का दावा किया है। वही जनपद सदस्य आशा साहू और उसके सहयोगियों के मुताबिक जिम्मेदारों द्वारा पूर्व प्रस्तावित एजेंडे में शामिल कर इस राशि को जारी किया गया है। उन सभी की मांग है कि राशि की रिकवरी की जाए और दोषियों पर कार्रवाई हो। 


जनपद उपाध्यक्ष योगेश साहू भी नाराज खेमे के साथ खड़े नजर आए। उन्होंने कहा कि गलत तरीके से जारी राशि की रिकवरी हो और उसे सामान्य सभा की बैठक में रखने के बाद सभी की सहमति से राशि का वितरण किया जाए। इस दौरान जारी राशि मे कमीशन का आरोप भी सामने आया है। हालांकि जनपद अध्यक्ष पुष्पा साहू आरोपो से इत्तेफाक नही रखती।



उन्होंने कहा कि बदनाम करने की नीयत से आरोप लगाए जा रहे है। पंजी रजिस्टर में सभी के हस्ताक्षर मौजूद है ओर सभी की सहमति से ही राशि का वितरण किया गया है। उल्टा उन्होंने कुछ जनप्रतिनिधियों पर जनपद कर्मचारियों पर दबाव डालकर कार्य कराने का आरोप लगाया है। जनपद सीईओ नरसिंह ध्रुव सामान्य सभा मे पारित प्रस्ताव को उच्चाधिकारियों को अवगत कराने के बाद मिले दिशा-निर्देश के आधार पर ही कार्रवाही करने की बात कह रहे है।



देखने पर पूरा मामला सियासत से जुड़ा नजर आ रहा है। ऐसे में अब सबकी निगाहें जनपद सीईओ की कार्रवाई पर टिकी है।

Previous article
Next article

Articles Ads

Articles Ads 1

Articles Ads 2

Advertisement Ads

ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer ad inner footer