गरियाबंद के कोपरा गांव 200 से अधिक नाराज कांग्रेसी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने इस्तीफा दिया
गरियाबंद। कोपरा गांव के 200 से अधिक नाराज कांग्रेसी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने इस्तीफा देकर पार्टी को धर्मसंकट में डाल दिया है। एक तरफ गांव के नाराज हजारों ग्रामीण ओर सैकड़ो कांग्रेसी है तो दूसरी तरफ पार्टी की ही महिला सरपंच है। ऐसे में क्या पार्टी नाराज पदाधिकारियों ओर कार्यकर्ताओ का इस्तीफा मंजूर करेगी या फिर अपनी ही पार्टी की महिला सरपंच पर कार्रवाई करवाएगी या फिर बीच का रास्ता निकालकर धर्म संकट से बाहर निकलने की कौशिश करेगी। अब सभी की निगाहें इसी पर टिकी है।
दरअसल मंगलवार को कोपरा के 200 से अधिक कांग्रेसियों ने विधायक अमितेष पर उनका सहयोग नही करने और भ्रष्टाचार में संलिप्त गांव की महिला सरपंच को बचाने का आरोप लगाते हुए अपने पदों और पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि नाराज कांग्रेसी कल सुबह ही अपने सामूहिक इस्तीफे की घोषणा कर चुके थे और सोशल मीडिया के जरिये अपना इस्तीफा पार्टी संगठन को भेज चुके थे उसके बाद देर शाम फिंगेश्वर ब्लॉक अध्यक्ष रूपेश साहू के निवास पहुंचकर सभी नाराज कार्यकर्ताओ ने विधिवत अपना इस्तीफा उनको सौपा।
रूपेश साहू ने मीडिया से बातचीत में बताया कि कोपरा के लगभग 200 कार्यकर्ताओ ने इस्तीफा सौपा है। जिसे पार्टी संगठन के उच्च पदाधिकारियों तक पहुंचाया जाएगा। उन्होंने कहा कि फिलहाल किसी का इस्तीफा मंजूर नही किया गया है। उन्होंने आपस मे बैठकर बातचीत से मामले को सुलझाने का भरोसा दिलाया है।
हालांकि ब्लॉक अध्यक्ष फिलहाल इससे ज्यादा बोलने की स्थिति में भी नही है क्योंकि मामला गंभीर है और इसका समाधान बहुत कठिन। पार्टी के लिए ये कुंए और खाई वाली स्थिति है। मतलब नुकसान होना तय है। यदि पार्टी इस्तीफा मंजूर करती है तो एक बड़े गांव से पार्टी अपना जनाधार खो बैठेगी और यदि इस्तीफा मंजूर नही करती है तो विधायक को मनाना पड़ेगा जो इतना आसान नही होगा क्योंकि उसके लिए पार्टी की महिला सरपंच को हटाना जरूरी है।
गांव के वरिष्ठ एवं कांग्रेस जिला महामंत्री (संगठन) ओकर सिंह ठाकुर भी नाराज है। कार्यकर्ताओ के साथ इस्तीफा देने रूपेश साहू के निवास पहुंचे ओंकार सिंह ने कहा कि सरपंच की कार्यशैली से ग्रामीण खुश नही है, उसे हटाना चाहते है, मगर विधायक इस मामले में ग्रामीणों का साथ ना देकर सरपंच का साथ दे रहे है उसे बचाने में लगे है। जिससे कोपरा के ग्रामीण नाराज है। उन्होंने कहा कि वह भी ग्रामीणों के साथ है और पार्टी पद से इस्तीफा दे रहे है। कुछ ऐसा ही दुख जिला महामंत्री ठाकुरराम साहू, मोतीलाल साहू और राजेश यादव ने भी व्यक्त किया है। सभी ने सामूहिक इस्तीफा सौंपते हुए ग्रामीणों के साथ खड़ा होने का ऐलान किया है। विधायक अमितेष शुक्ल की मामले में अबतक कोई प्रतिक्रिया सामने नही आई है।
कोपरा गरियाबंद जिले का सबसे बड़ा गांव है। राजनीति में इस गांव की दखलंदाजी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जिला कार्यकारणी में यहां से 4 महामंत्री बनाये गए है, ब्लॉक कार्यकारणी में 2 महामंत्री शामिल है। इसके अलावा दर्जनों कार्यकर्ता अलग-अलग पदों पर आसीन है। जो अभी नाराज है और सभी अपने पदों से इस्तीफा दे चुके है।