कोरोना काल में 1500 करोड़ से अधिक का चावल घोटाला किया है कांग्रेस ने - नवीन मार्कण्डेय
गरियाबंद। प्रदेश में कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के बाद से ही लगातार घोटाले पर घोटाले किये जा रहे हैं। अफ़सोस की बात यह है कि वैश्विक महामारी कोरोना के समय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा गरीबों के लिए भेजे गए चावल में भी कांग्रेस सरकार ने बड़ा घोटाला किया है। भाजपा द्वारा बार-बार ध्यान दिलाने के बावजूद भी कांग्रेस ने यह घोटाला जारी रहा है, जो अफसोसनाक है। उक्त बातें मंगलवार को स्थानीय पीडब्ल्यूडी विश्रामगृह में पत्रकारों से चर्चा करते हुए भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष नवीन मार्कण्डेय एवं पूर्व विधायक व प्रदेश किसान मोर्चा अध्यक्ष पूनम चंद्राकर ने कही।
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान मोदी जी ने सभी ज़रूरतमंदों तक दो महीने के लिए मुफ्त चावल देने का निर्णय लिया था। महज़ सुर्खियां बटोरने के लिए मुख्यमंत्री बघेल ने प्रधानमंत्री जी को पत्र लिखकर दो महीने और चावल बढाने की मांग की थी। लेकिन मोदी जी ने सीधे दीवाली तक सभी ज़रुरतमंदों को मुफ्त चावल देने की घोषणा की। यह
तमाम चावल राज्य सरकार को आवंटन कर भी दिया गया। लेकिन अन्य तमाम केन्द्रीय योजनाओं की तरह ही इसका लाभ भी जनता तक पहुचाने के बजाय कांग्रेस हड़प रही है। यह अपने आप में एक बड़ा घोटाला है।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत केंद्र से हर महीने एक लाख 385 टन अतिरिक्त आवंटन किया जा रहा है। प्रति व्यक्ति 5 किलो चावल प्रति महीने के मान से इससे दो करोड़ से अधिक लोगों को हर महीने यह लाभ मिलना था, लेकिन इसमें से मुश्किल से एक तिहाई लोगों तक यह लाभ पहुंच रहा है। करीब 1.5 करोड़ गरीबों के मुंह से कांग्रेस ने निवाला छीन लिया।
उन्होंने आगे बताया कि प्रदेश में प्राथमिकता समूह के राशनकार्ड पर मई से नवम्बर 2021 तक के लिए 5 किलो प्रति सदस्य के मुताबिक 7 लाख मीट्रिक टन से अधिक चावल का आवंटन छत्तीसगढ़ शासन को मिला, परन्तु उसका लाभ यहां ज़रूरतमंद हितग्राहियों तक कांग्रेस सरकार ने नहीं पहुंचाया है, इस आवंटन का अधिकांश चावल कांग्रेस खा गयी है। केंद्र सरकार द्वारा जहां प्रति व्यक्ति प्रति महीने 5 किलो चावल राज्य को दिया गया, परंतु सरकार ने ऐसे राशन कार्डधारी जिनके परिवार में 1, 2 और 3 सदस्य तक हैं, उनको यह अतिरिक्त चावल नहीं दिया। राशनकार्ड धारी हितग्राही को निर्धारित मात्रा से कम खाद्यान्न प्राप्त होने की शिकायत निरंतर प्राप्त हो रही है। यह शेष अनाज कहां जा रहा है, यह जांच का विषय है। यहां तक कि शासन के एक मंत्री ने इस बड़ी गड़बड़ी' को स्वीकार भी किया था, लेकिन ऐसे घोटाले जारी हैं।
औसतन एक राशनकार्ड पर तीन से चार सदस्य होते हैं, जिसमें 1, 2 और 3 सदस्यों तक वाले राशनकार्ड पर यह लाभ नहीं दिया जा रहा है। इस मान से अगर एक मोटा अनुमान लगाया जाय तो लगभग दो तिहाई लोगों के हिस्से का चावल गबन कर लिया जा रहा है। यानी गरीबों के हिस्से का लगभग पांच लाख टन चावल राज्य सरकार हड़प गयी है। इससे पहले भी राज्य शासन ने पंचायतों को दिए एक-एक क्विंटल चावल की कीमत 32 सौ रुपये प्रति क्विंटल वसूल किया था। जबकि कांग्रेस उसे मुफ्त देने की बात कर रही थी। अतः चावल का सरकारी रेट 32 रुपया किलो के मान से मोटे तौर पर यह घोटाला 16 सौ करोड़ से अधिक का है।
भाजपा यह मांग करती है कि :-
केंद्र द्वारा आवंटित अतिरिक्त चावल दाना-दाना हितग्राहियों तक पहुचाये जाये। अभी तक जो चावल नहीं दिए गए हैं, उसका नगद भुगतान किये जायें।
गरीबों का निबाला छीनने वाले इस घोटाले के लिए कांग्रेस प्रदेश की जनता से माफी मांगे। इस घोटाले की उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच हो। दोषियों को कड़ी सजा मिले। अपने इन मांगों को लेकर 7-8 अक्टूबर को प्रदेश के राशन दुकानों पर धरना देगी और इससे संबंधित मांग पत्र वहां चिपकायेगी। इसके अलावा 11-12 अक्टूबर को एसडीएम कार्यालय का घेराव कर ज्ञापन देगी।
कहा कि भाजपा गरीबों के पेट पर इस तरह प्रहार किये जाने को सहन नहीं करेगी। पार्टी इस मामले को लेकर हर स्तर तक जायेगी। गरीबों को न्याय मिलने तक भाजपा चैन से नहीं बैठेगी। इस अवसर पर भाजपा जिला महामंत्री अनिल चंद्राकर, घनश्याम सिन्हा, मंडल अध्यक्ष सुरेंद्र सोनटेके, अजय रोहरा, राधेश्याम सोनवानी, सागर मयानी, रितेश यादव उपस्थित थे।