राज्य सरकार के विरूध्द सरकारी कर्मचारियो ने खोला मोर्चा जिले में लगभग 5000 अधिकारी कर्मचारी रहे सामुहिक अवकाश में, सुने रहे सरकारी दफ्तर
Friday, September 3, 2021
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गरियाबंद - अपनी लंबित 14 सुत्रीय मांगो को लेकर सरकारी कर्मचारियो ने राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। शुक्रवार को छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के बैनर तले जिलेभर के अधिकारी कर्मचारियो ने सामुहिक अवकाश लेकर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया और राज्य सरकार के वादा खिलाफी को लेकर जमकर निशाना साधा। कर्मचारियो ने कहा कि कांग्रेस ने चुनावी घोषणा पत्र मे कई वादे किए थे, कई मांगो को पूरा करने आश्वासन दिया था परंतु सत्ता में आने के बाद एक सिरे से सभी घोषणाओ को किनारे कर दिया गया। कर्मचारियो की मांग को लगातार अनदेखा किया जा रहा है। उन्होने राज्य सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि वादा किया है तो निभाना भी पड़ेगा, कर्मचारियो के साथ धोखेबाजी नहीं चलेगी। ढाई साल बित गए, यही हाल रहा तो दो साल बाद कर्मचारी एक जुट होकर राज्य की सरकार बदल भी सकते है। प्रदर्शन के दौरान कर्मचारी काफी आक्रोशित भी नजर आए।
ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के बैनर तले शुक्रवार को पूरे प्रदेश के अधिकारियो कर्मचारियों ने अपनी लंबित मांगो को लेकर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान गरियाबंद जिला मुख्यालय में भी फेडरेशन ने धरना दिया। प्रदर्शन में 14 से अधिक संगठनो के कर्मचारी हुए। इस अवसर पर फेडरेशन के जिला संयोजक प्रदीप वर्मा, जिलाध्यक्ष लखनलाल साहू, एन के वर्मा, केके निर्मलकर, बसंत त्रिवेदी, बसंत मिश्रा, एम आर खान, हुकुम सिन्हा, शिवेश शुक्ला, मनोज खरे, मिश्रीलाल तारक, डीके पतौदी, रामनारायण मिश्रा, सुभाष शर्मा सहित अन्य पदाधिकारियो ने संबोधित करते हुए राज्य सरकार को जमकर खरी खोटी सुनाई। उन्होने कहा कि राज्य सरकार संवेदना मर गई। सरकार के सहयोगी कर्मचारियो के ही जायज मांगो की लगातार उपेक्षा की जा रही है। सरकार कर्मचारियो के हितो और मांगो को लेकर गंभीर नही है। कर्मचारियो ने एकजुट होकर संकल्प लिया कि यदि सरकार समय रहते मांगे पूरी नही करेगी, कर्मचारी अनिश्चिकालीन हड़ताल में जायेंगे।
इस दौरान कार्यकम में कुबेर मेश्राम, उमा शंकरसाहू, धनेश जगत, तेजेश शर्मा, ललित साहू, संजय महाड़िक, शिव सिन्हा, डोमार नागेश, देवेश शर्मा, लक्ष्मीनारायण शर्मा, राकेश शर्मा, अनुप महाड़िक, भगवान चंद्राकर, रविप्रकाश अंगारे, मनहरण लाल साहू, थम्मन सिंह देव, दयाशंकर शुक्ला, भूपेन्द्र हिरवानी, जितेन्द्र गजभिए, लालाराम देवांगन, संजय सिंग, संजय बखारिया, मनोज कंवर, रामकुमार ध्रुव, यशवंत साहू, शंकर सिंह पाल सहित बड़ी संख्या अधिकारी कर्मचारी मौजुद थे।
ये है प्रमुख मांगे - 14 सुत्रीय प्रमुख मांगो में 28 प्रतिशत लंबित महंगाई भत्ता सहित वेतन विसंगति, बकाया एरियर्स भुगतान, पदोन्नति, क्रमोन्नति, समयमान वेतनमान, कोरोना संक्रमण से मृत सरकारी कर्मचारी के परिवार को 50 लाख अनुग्रह राशि, 10 प्रतिशत गृह भाड़ा व अन्य भत्ता, पुरानी पेंशन योजना लागु करने, तृतीय श्रेणी के पदो पर 10 प्रतिशत बंधन पूर्ण समाप्त करने, अनुंकम्पा प्रकरणो का शीघ्र निराकरण करने, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी को रिक्त पदो पर समायोजित करने की मांग रखी गई। इस संबंध में मुख्यमंत्री के नाम अपर कलेक्टर चौरसिया को ज्ञापन सौंपा गया।
जिले में लगभग 5000 अधिकारी कर्मचारी रहे सामुहिक अवकाश में, सुने रहे सरकारी दफ्तर
इधर अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के सामुहिक हड़ताल के चलते जिले में लगभग 5000 अधिकारी कर्मचारी सामुहिक अवकाश में रहे। जिसके चलते जिले के सभी सरकारी दफ्तर सुने रहे। चतुर्थ श्रेणी से लेकर राजपत्रित अधिकारी तक के अवकाश होने के चलते सभी दफ्तरो में प्रशासकीय कार्य प्रभावित हुए। दूर दराज से आए लोगो को भी परेशानी का सामना करना पड़ा। दफ्तर में अधिकारी कर्मचारी अनुपस्थित होने के चलते उन्हे बेरंग लौटना पड़ा। पहली बार देखा गया कि सरकारी कर्मचारियो के अवकाश के चलते पूरा प्रशाकीय कार्य ही एक दिन के लिए ठप्प हो गया।
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