ग्रामीणों को धमकाने वाले रेत ठेकेदार के खिलाफ सख्त कार्यवाही हो-तेज राम विद्रोही
गरियाबंद जिला के राजिम तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत कुरुसकेरा के रेत ठेकेदार द्वारा सुरसाबाँधा के ग्रामीणों को धमकाना सरासर दादागिरी है जिसकी शिकायत ग्रामीणों द्वारा जिला कलेक्टर गरियाबंद से किया गया है। कुछ दिन पहले ठेकेदार द्वारा यह शिकायत किया गया था कि सुरसाबाँधा के कुछ लोगों द्वारा रुपये की मांग की जा रही है। एक तरफ ठेकेदार द्वारा गांव वालों के खिलाफ शिकायत करना और दूसरी तरफ उसी ठेकेदार द्वारा ग्रामीणों को धमकाना चोरी और सीना जोरी की कहावत को चरितार्थ करती है। जिसकी जाँच कर कार्यवाही करने की अति आवश्यकता है।
अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के सचिव तेजराम विद्रोही ने गांव वालों को सुरक्षा देने और जांच कर कार्यवाही करने की मांग करते हुए कहा कि इस विषय पर वे स्वयं जिला कलेक्टर से मुलाकात कर ठोस कार्यवाही करने आग्रह करेंगे। क्योंकि छत्तीसगढ़ प्रदेश में अवैध रेत उत्खनन का विरोध करने वाले जन प्रतिनिधियों को अपनी जान गवानी पड़ी है। धमतरी जिला के कुरूद की घटना हो या आरंग रायपुर की उसका उदाहरण है।
अवैध रेत उत्खनन के मामले में रेत ठेकेदारों के साथ साथ प्रशासन और राजनीतिक लोगों की मिलीभगत से भी इनकार नहीं किया जा सकता है जिसके कारण रेत माफियाओं की हौसले बुलंद है। राजिम तहसील के परसदा जोशी ग्राम पंचायत के लोगों ने रेत घाट चालू नहीं करने कलेक्टर और खनिज विभाग को पत्र दिया था इसके बावजूद रेत घाट चालू करने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाना शासन प्रशासन और रेत माफियाओं की मिलीभगत है।
कुरुसकेरा रेत घाट दादागिरी रूप से जारी है जहाँ बाढ़ की स्थिति छोड़कर पूरे साल रेत का अवैध उत्खनन भण्डारण के नाम पर होते रहा है जहाँ से पूरे दो साल का रेत साल भर के भीतर ही निकाला जा चुका है। इसलिए कुरुसकेरा रेत घाट को तत्काल बंद कर देना चाहिए।