सांसद संतोष पांडेय के विरुद्ध शिकायत दर्ज करने थाने पहुचे -विनोद तिवारी - state-news.in
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सांसद संतोष पांडेय के विरुद्ध शिकायत दर्ज करने थाने पहुचे -विनोद तिवारी

 


रायपुर 11 जनवरी राजनाँदगाँव के सांसद संतोष पांडेय द्वारा किसान बिल के विरोध में धरना प्रदर्शन कर रहे किसान भाइयों एवं बहनो को नक्सली एवं ख़ालिस्तानी कहा गया है इनके द्वारा पूर्व में भी ऐसे बयान दिया जा चुका है 


विनोद तिवारी ने राजनाँदगाँव सांसद के बयान की निंदा करते हुए कहा की सांसद श्री संतोष पांडेय ने बहुत ही शर्मनाक बयान देते हुए किसानो के सम्मान पर हमला किया है । लगता है की सांसद पांडेय की मानसिक स्थिति ठीक नही है 47 दिन से इस कड़ाके की ठंड में जब लोग हीटर चला कर घर में सोते है ऐसी भयानक ठंड में हमारे किसान भाई बहन किसान बिल के ख़िलाफ़ सड़क की लड़ाई लड़ रहे है और ये साथ देने के बजाय उल्टा अपमान कर रहे है 


सांसद जैसे गरिमामय पद पर बैठे लोगों का ऐसा ग़ैर ज़िम्मेदार बयान बहुत ही दुखदायी है। किसानो के हित की रक्षा करना सरकार का काम है जो काम सांसद और सरकार को करना चाहिये वो काम किसान कर रहे है किसान विरोधी सांसद किसान के पक्ष में दो शब्द तो बोल नही पा रहे है उल्टा मोदी जी को खुश करने ऐसा स्तरहीन शर्मनाक बयान दे रहे है 


विनोद तिवारी ने आज शाम 6 बजे थाना सिविल लाइन पहुँच कर सांसद संतोष पांडेय के ख़िलाफ़ FIR दर्ज करने लिखित शिकायत की गई है 


शिकायत पत्र में कहा है कि खैरागढ़ के राजपूत क्षत्रिय भवन में श्री संतोष पांडे पार्टी विशेष की बैठक में आंदोलनरत किसानों  के लिए नक्सली व खालिस्तान समर्थक शब्द का उपयोग किया जा कर संपूर्ण कृषक समुदाय को संवैधानिक अधिकारों के तहत स्वतंत्रता का अधिकार के तहत कर रहे शांतिपूर्वक आंदोलन ( जो की जायज मांगों के लिए किया जा रहा है ) पर अपनी दमनकारी प्रयासों के द्वारा कुचलने का बयान अत्यंत आपत्तिजनक व अपमान जनक है पूर्व में भी इनके द्वारा किसान भाइयों को अर्बन नक्सली कहा गया था 


उक्त आपत्तिजनक कृषक आंदोलन के परिपेक्ष में श्री संतोष पांडे द्वारा दिया गया बयान संलग्न कर अनुरोध किया गया है कि श्री संतोष पांडे के विरुद्ध राष्ट्रीय अखंडता पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले लांछन प्राखयान के लिए ( धारा 153 ख भादवि ) तथा लोक रिष्टि कारक वक्तव्य देने के लिए (धारा 504 भादवि ) एवं बलवा करने के लिए उकसाये जाने के लिए एवं धारा 295-A 298, 269, 188 भारतीय दंड विधान के तहत प्राथमिकी सूचना रिपोर्ट दर्ज की जावे

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