छुरा-पंक्तियां समिति में राजस्व, सहकारिता और खाद्य विभाग का औचक निरीक्षण,समिति मे कई अनियमितता पाई गई,प्रबंधक और कर्मचारियों के विरूद्ध होगी कार्रवाई - state-news.in
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छुरा-पंक्तियां समिति में राजस्व, सहकारिता और खाद्य विभाग का औचक निरीक्षण,समिति मे कई अनियमितता पाई गई,प्रबंधक और कर्मचारियों के विरूद्ध होगी कार्रवाई


गरियाबंद कलेक्टर निलेश क्षीरसागर के निर्देश पर जिले में  समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के सुचारू संचालन के लिए  लगातार छापामार करवाई किया जा रहा है। इसी कड़ी में छुरा विकासखंड के ग्राम पंक्तियां में प्रभारी तहसीलदार कुसुम प्रधान द्वारा धान खरीदी प्रक्रिया का औचक निरीक्षण किया गया । निरीक्षण में धान की बोरियों में  शासन द्वारा  निर्धारित मात्रा से ज्यादा वजन पाया गया।  उन्होंने बताया कि समिति प्रबंधक और सलंग्न कर्मचारियों के विरूद्ध करवाई की जाएगी।


उन्होंने बताया कि गत 9जनवरी को शिकायत के आधार पर धान उपार्जन केंद्र पंक्तियां का जांच राजस्व , सहकारिता व खाद्य विभाग द्वारा संयुक्त रूप से किया गया ।

जांच के दौरान प्रथम दृष्टया मौके पर 1184 बोरा धान बिना सिलाई हुए अलग अलग जगह रखे हुए थे एवम 619 बोरा धान सिलाई के बाद परिसर में इधर उधर रखे गए थे। उक्त स्थिति को देखने से शुक्रवार 8 जनवरी को खरीदी गई धान को शनिवार तक बिना सिलाई कर बोरे से धान की मात्रा कम कर सिलाई किया जाना प्रतीत हुआ।

मौके में उपस्थित कृषकों व जन प्रतिनिधि से पूछने पर बताया गया कि हमाल को शनिवार को सिलाई करते देख उनके द्वारा बोरा का तौल कराया गया ।बोरे में धान का वजन ज्यादा बताया तभी से हमाल मौके से नदारद हो गए है।

पुष्टि करने के लिए टीम द्वारा मौके पर उपस्थित कृषक गिरजा बाई के पुत्र द्वारा लाये गए 140 बोरी धान जो तौलाई के पश्चात बिना सिला रखा था, के 10% बोरी का रेंडमली तौल कराया गया जिसका वजन क्रमशः 41.5,43,44,42,42,42,42,42,43,41,42,42,41,42.5 किलोग्राम (केवल धान का वजन) पाया गया जो कि शासन के निर्देशानुसार 40 किलोग्राम से अधिक है। उसी प्रकार एक अन्य कृषक भगोली के विक्रय किये गए 130 बोरी धान का तौल कराया गया इसमें भी वजन क्रमशः 41, 41, 42, 42, 41.5, 42, 41, 41.5, 40.5, 40.5, 41, 41.5, 41.5 किलोग्राम पाया गया।

संदेह के आधार पर सिलाई किये हुए बोरे एवम स्टैकिंग में रखे बोरे का तौल कराया गया जिसमें वजन 37, 38, 39 किलोग्राम पाया गया।

उपार्जन केंद्र में 05 स्टैग बिना डनेज के जमीन पर ही लगाया गया है। फड़ में केवल 03 काटा बार है तथा इलेक्ट्रॉनिक वजन मशीन निरंक मिला। कई स्टैग गणना योग्य नही है। स्टैकिंग सही तरीके से नही होने के कारण कई बोरे गिर गए थे। इस उपार्जन केंद्र में 84 लघु/सीमांत किसान अभी भी शेष है जिनका आज दिनांक तक टोकन नही काटा गया है जबकि रिपोर्ट के अनुसार पंक्तियां उपार्जन केंद्र में 85% किसानों की धान खरीदी किया जा चुका है, केवल 15% पंजीकृत कृषक धान विक्रय हेतु शेष है जो की केवल दीर्घ कृषक होने चाहिए थे।


उपार्जन केंद्र में उपलब्ध स्टैग एवम बिना स्टैग के रखे धान का भौतिक सत्यापन किया गया जिसमें 43670 नग बोरा पाया गया।  9 जनवरी तक उपार्जन केंद्र पंक्तिया में उपलब्ध वर्तमान बोरे की संख्या 43939 नग है। कुल 269 नग बोरे की कमी पाई गई।

पंक्तिया उपार्जन केंद्र में उक्त दिनांक तक कुल 282 किसानों का केवल 3.15 हेक्टेयर रकबा समर्पण कराया गया है।

जांच समय पर उपार्जन केंद्र में ट्रक लगाया गया था किंतु टीम की उपस्थिति में फड़ प्रभारी द्वारा ट्रक जांच समय तक भी लोड नही कराया गया था।

उक्त उपार्जन केंद्र के प्रबंधक भूपेंद्र यादव व फड़ प्रभारी पवन यादव ने अपने बयान में इसकी जानकारी न होना बताया।

उक्त कृत्य से यह साबित होता है कि समिति प्रबंधक एवम उपार्जन केंद्र से जुड़े कर्मचारी न ही सरकार के निर्देशों का पालन कर रहे है और न ही उच्च अधिकारी के निर्देशों को मान रहे है। 

अप्रत्यक्ष रूप से शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाने के उद्देश्य से सबन्धित कर्मचारियों के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर दोषी कर्मचारियों के स्थान पर अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति एवम संबंधितों को सेवा से पृथक करने की कार्यवाही किया जाना है।

उपरोक्त जांच के समय जिला विपणन अधिकारी गरियाबंद, प्रभारी तहसीलदार छुरा, नायब तहसीलदार गरियाबंद, खाद्य निरीक्षक गरियाबंद, सहकारिता उपनिरीक्षक उपस्थित थे।

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