गरियाबंद : सरपंच संघ की गैर जिम्मेदाराना हरकत, अधिकारी की छवि धूमिल करने रचा षड्यंत्र ?
गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में सरपंच संघ की गैर जिम्मेदाराना हरकत सामने आयी है। मामला छूरा विकासखण्ड का है। यहां सरपंच संघ द्वारा जनपद सीईओ पर कई बेबुनियाद आरोप लगाकर उनकी छवि धूमिल करने की कौशिश की है। संघ ने लिखित में खुद इस बात को स्वीकार किया है। हालाकिं जनपद सीईओ ने इस मामले में कोई प्रतिक्रिया जाहिर नही की है।
दरअसल 11 जनवरी से जनपद सीईओ पर गंभीर आरोप लगाकर धरने पर बैठे सरपंच संघ ने कल 19 जनवरी को अपना धरना अचानक समाप्त कर दिया है। इसके पीछे उन्होंने जो वजह बताई है वह उनकी गैर जिम्मेदाराना हरकत नजर आती है। संघ ने जनपद सीईओ पर लगाये सभी आरोपो को खारिज कर दिया है।
सरपंच संघ द्वारा कलेक्टर को भेजे अपने पत्र में कहा है कि वे अपनी हड़ताल (धरना प्रदर्शन) स्थगित कर रहे है। पत्र में आगे लिखा है कि संघ द्वारा जनपद सीईओ सुश्री रुचि शर्मा पर लगाये सभी आरोप मिथ्य व निराधार है तथा उक्त शिकायत का वास्तविकता से कोई संबंध नही है। अतः उक्त सभी आरोपो का खण्ड करते हुए हड़ताल समाप्त कर अपने अपने ग्राम पंचायत वापिस जाने की घोषणा करते है।
जिला कलेक्टर को लिखे इस पत्र के बाद सरपंच संघ संदेह के घेरे में आ गया है। उनके द्वारा किए गए धरना प्रदर्शन (हड़ताल) पर कई सवाल खड़े हो गए है। सबसे बड़ा सवाल तो यही है कि क्या संघ जनपद सीईओ की छवि धूमिल करना चाहता था। क्या संघ की ताकत दिखाकर सरपंच अपने काले कारनामो पर पर्दा डालना चाहते थे या फिर अधिकारी को दबाव बनाकर अपने इशारों पर चलाना चाहते थे।
सरपंच संघ की इस गैर जिम्मेदाराना हरकत से उनके गांवो में उनकी छवि पर क्या असर पड़ता है, ये तो वही जाने मगर उनकी इस हरकत से एक अधिकारी की छवि पर जरूर असर पड़ सकता था। हालांकि अधिकारी ने संयम से काम लिया और वह अपने उच्चाधिकारियों के समक्ष खुद को बेकसूर साबित करने में सफल रही।
बता दे कि संघ ने जनपद सीईओ पर महिलाओं से ठीक बर्ताव नही करने, उनकी फाइले रोकने, काम मे देरी करने और फोन रिसीव नही करने से जैसे गंभीर आरोप लगाए थे। इसको लेकर संघ 11 जनवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर था। संघ इससे पहले जिला कलेक्टर ओर प्रभारी मंत्री को भी ज्ञापन सौंपकर जनपद सीईओ को हटाने की मांग कर चुके थे।
इस पूरे घटनाक्रम में रानीपरतेवा सरपंच पर हुई कार्रवाई भी काफी सुर्खियों में रही। जनपद सीईओ जो फिलहाल प्रभारी एसडीएम का प्रभार संभाल रही है। उन्होंने एक आदेश जारी कर महिला सरपंच को आगमी आदेश तक निलंबित कर दिया। हालांकि अपने आदेश में उन्होंने कोई धारा या नियम का उल्लेख नही किया है। सम्भवतः सरपंच निलंबन का ये गरियाबंद जिले में पहला और अनोखा मामला बनकर सामने आया है।