केन्द्र की कृषि कानूनों को रद्द करने की माँग को लेकर जारी क्रमिक भूख हड़ताल दूसरे दिन भी जारी - state-news.in
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केन्द्र की कृषि कानूनों को रद्द करने की माँग को लेकर जारी क्रमिक भूख हड़ताल दूसरे दिन भी जारी

 


केन्द्र सरकार द्वारा लाये गए कथित कृषि सुधार कानून के खिलाफ देशव्यापी किसान आंदोलन जारी है। एक ओर जहाँ पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान के किसान दिल्ली सीमाओं पर डटे हुए हैं जिन्हें सरकार दिल्ली नहीं आने दे रही है। वहीं दूसरी ओर उन आंदोलनकारी किसानों के समर्थन में छत्तीसगढ़ के किसान छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के बैनर तले धरना स्थल बूढ़ा तालाब रायपुर में 14 दिसम्बर से क्रमिक भूख हड़ताल जारी कर दिये हैं। क्रमिक भूख हड़ताल के दूसरे दिन अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के राज्य सचिव तथा छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के संयोजक मंडल सदस्य तेजराम विद्रोही, किसान सभा के सदस्यगण ललित कुमार, हरख राम, जहुरराम, ऑल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन के संयोजक विश्वजीत हारोडे भूख हड़ताल में रहे। 

इस अवसर पर तेजराम विद्रोही ने  कहा कि केन्द्र सरकार की कॉरपोरेट परस्त व किसान,कृषि और आम उपभोक्ता विरोधी नीतियों को तथा सरकार की जुमलेबाजी को किसान समझकर सड़क पर उतरकर, विरोध कर रहे हैं तो इसे विपक्षी पार्टियों का राजनीतिक साजिश बताकर या फिर किसानों को भ्रमित बताकर केंद्र सरकार  किसानों की मुख्य चिंताओं से मुँह फेर रहा है। यहाँ तक कि आंदोलनकारी किसानों, किसान संगठनों को खालिस्तानी, टुकड़े, टुकड़े गैंग, कुकुरमुत्ते की तरह उग आए किसान संगठन आदि न जाने क्या क्या नाम देकर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं द्वारा बदनाम कर शांतिपूर्ण किसान आंदोलन को तोड़ने का कोशिश कर रहे हैं।

अनशनकारी विश्वजीत हारोडे ने राज्य में पूर्व कृषिमंत्री बृजमोहन अग्रवाल के उस बयान का निंदा करते हुए कहा कि भाजपा आरएसएस जो स्वयं देश की सार्वजनिक संपत्ति को एक एक कर कॉरपोरेट घरानों को बेच रहे हैं। अपने खिलाफ विरोध के आवाज को दबाने के लिए टुकड़े टुकड़े गैंग कहकर बदनाम कर दो  यही उनकी नीति है। कृषि कानून के संबंध में विधेयक लाने के समय से ही देश के किसान इसका विरोध कर रहे हैं लेकिन कॉरपोरेट हितैषी मोदी सरकार इसे हल्के में लिया जिसके परिणामस्वरूप आज देश भर के किसान सड़कों पर उतरने मजबूर हो रहे हैं। 

क्रमिक अनशन और जारी धरना को सौरा यादव, ललित कुमार, सतीश त्रिपाठी, रूपन चन्द्राकर, लक्ष्मी नारायण चन्द्राकर, डॉ संकेत ठाकुर,  आदि ने संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन सुश्री सीमा ने किया। समाजवादी नेता मनमोहन सिंह सैलानी, उमा प्रकाश ओझा, अनिल सिंह आदि ने किसानों के क्रमिक अनशन का समर्थन किया।

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