गरियाबन्द-नाबालिग हत्याकाण्ड मामले में जांच के लिए सेम्पल लेने शव का दोबारा उत्खनन कराना पड़ा पुलिस को।पहले भेजे गए सेम्पल को पर्याप्त नही माना एफएसएल साखा ने।
गरियाबंद देवभोग थाना क्षेत्र के कैठपदर में सोमवार रात को हुए नाबालिग के हत्या के मामले में पुलिस आरोपी को सजा दिलाकर गरीब परिवार को न्याय दिलाने कोई कसर नही छोड़ना चाहती। आज न्यायलय से अनुमति लेकर नाबालिग के शव को देवभोग तहसीलदार समीर शर्मा की मौजूदगी में शव खोद कर निकाला गया।डीएनए जांच के लिए चिकत्सकों की टीम ने इस बार हड्डी व बाल का सेम्पल एकत्र किया है।देवभोग थाना प्रभारी हर्ष वर्धन बैस ने बताया कि डीएनए जांच के लिए जो अंग पहले भेजे गए थे उसे सम्बन्धीत संस्थान ने पर्याप्त नही माना है,इसलिए विधिवत अनुमति लेकर दोबारा सेम्पल लेने की कार्यवाही किया गया है।
*आरोपी को सलाखों तक पहूचाने कई तकनीकी पेंच,*- मामले में पुलिस ने अब तक केवल हत्या का मामला दर्ज कर आरोपी को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया है।आरोपी ने पुलिस के समक्ष मेमोरंडम कथन में स्वीकार भी किया है कि उसका अवैध सम्बन्ध मृतिका के साथ था,घटना दिनांक को अनाचार भी किया।पर इसकी पुष्टी चिकत्सकों ने पीएम रिपोर्ट में नही किया।इधर घटना के कोई भी चश्मदीद नही थे, अनाचार पीड़िता की हत्या हो चुकी थी ऐसे में बलात्कार का मामला दर्ज करना आसान नही था।लिहाजा अब पुलिस को एफएसएल रिपोर्ट का इंतजार है।
*फूंक फूंक कर रखना पड़ रहा कदम*- मामले की गम्भीरता को देखते हुए अब साक्ष्य जुटाने पुलिस को फूंक फूंक कर कदम उठाना पड़ रहा है।पुलिस के सामने परस्थिति जन्य साक्ष्य को एकत्र व मजबूत करना एक मात्र विकल्प है।नाबालिग व उसके गरीब परिजनों को न्याय दिलाने ,पुलिस को एफएसएल रिपोर्ट व डीएनए मेपिंग कराना अनिवार्य हो गया है।पुलिस घटना दिनाक को ही कई आवश्यक साक्ष्य एकत्र कर आवश्यक जांच के लिए लेबोटरी भेज दिया है।