गरियाबंद के पीड़ित किसान भूख हड़ताल पर बैठे,जप्त किये धान को वापस लौटाने की मांग को लेकर कर रहे हैं प्रदर्शन
गरियाबंद से बड़ी खबर है, जहां ग्राम पंचायत सुरसाबाँधा के 27 परिवारों द्वारा जब्त धान फसल को पीड़ित परिवारों को वापस दिलाने की मांग को लेकर पीड़ितों के पक्ष में राजिम तहसील कार्यालय के सामने आज अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के राज्य सचिव तेजराम विद्रोही व पीड़ित किसानों के परिवार वाले भूख हड़ताल पर है ।
उक्त आशय की जानकारी देते हुए तेजराम विद्रोही ने कहा कि प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत सुरसाबाँधा में पंचायत पदाधिकारी और ग्राम के मुखिया स्वयं की भी शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा किये हुए हैं, जिनकी संख्या 50 से ऊपर है, और वे अपना फसल काटकर घर ले जा रहे हैं, लेकिन इन 27 परिवारों को ही बेदखल करके उनकी फसल को जब्त किया जा रहा है, जिसे तैयार करने पीड़ितों ने अपनी जमा पूँजी खर्च की है, जिसके चलते इन किसान परिवारों के सामने आर्थिक संकट सामने आ गया है, सामने दीवाली का त्योहार है, ऐसे में प्रशासन द्वारा इन 27 परिवारों के फसल को जब्ती करना कतई उचित नही है, कोरोनकाल में जहाँ सरकार अनाज और नगद राशि सरकार द्वारा सहायता के लिए यथासंभव प्रयास किया जा रहा है, ऐसे परिस्थितियों में ग्राम पंचायत द्वारा अनाज को छीनना न्यायसंगत नहीं है।
आज चल रहे प्रदर्शन में 27 परिवारों के किसानों के घर की महिलाएं, बुजुर्ग, बच्चे शामिल है, और उनका कहना है, कि जबतक उनकी फसल उन्हें वापस नही दे दी जाती तब तक वे इसी तरह से अनिश्चितकालीन हड़ताल अपना जारी रखेंगे
वहिं इस मामले में राजिम तहसीलदार ओपी वर्मा का कहना है, कि ग्राम पंचायत सुरसाबाँधा के पंचायत ने प्रस्ताव दिया था, जहां शासकीय भूमि में लोगों के द्वारा अतिक्रमण किया गया था, इस संदर्भ में प्रशासन ने चार दफे इन किसानों को नोटिस भी भेजा गया बावजूद इसके अवैध अतिक्रमण धारियों ने जमीन खाली नही की जिसके बाद पंचायत द्वारा ही फसल जब्ती की कार्यवाही की गई है ।