तीन सौ साठ बोरी यूरिया गरियाबंद जिले के भूमिहीन ने खरीद कर बनाया रिकार्ड ? - state-news.in
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तीन सौ साठ बोरी यूरिया गरियाबंद जिले के भूमिहीन ने खरीद कर बनाया रिकार्ड ?



गरियाबंद । प्रदेश मे लगातार रसायनिक खाद युरिया की कमी का मामला लगातार सामने आने के कारण केन्द्र सरकार ने युरिया खाद की कालाबाजारी रोकने के लिये अब चाहे सहकारी समितियों या लाईसेंसीं निजी खाद दवाई सेवा केंन्द्रों  के लिए अनिवार्य कर दिया है कि रसायनिक खाद की बिक्री आनलाईन कर दिया है इसके बाद भी जिले के दर्जनों आदिमजाति सेवा सहकारी समितियों एंव कुछ निजी लाईसेंसी दवाई खाद दुकानों ने सभी नियम कानून को तोडकर अतरिक्त रुपये कमाने के चक्कर में भूमिहीन लोगों के आधार कार्ड का उपयोग कर  यूरिया खाद बिक्री किया गया कृषकों को खाद के साथ बिल भी देना है ।
फाइल फोटो 
निर्धारित दर से अधिक कीमतों मे युरिया खाद कृषकों को बेचा गया आनलाईन पांश मशीन से निकलने वाला बिल मे निर्धारित दर दर्ज रहता है पोल खुलने के डर से कृषकों के अधार कार्ड का उपयोग नही लिया गया ।
इसी तरह छुरा नगर मे स्थित अमर खाद भंडार ने खुडियाडीह परसदा निवासी धनराज ठाकुर पिता भुनेश्वर ठाकुर का अधार कार्ड का उपयोग करते हुये धनराज ठाकुर को तीन सौ साठ बैग युरिया खाद बिक्री आनलाईन किया
धनराज ठाकुर बीपीएल परिवार से भूमिहीन है धनराज के पिता को वन अधिकार के तहत तीन एकड भूमि मिला है डेढ एकड मे धान फसल लगाते है शेष भूमि पडत है ।
धनराज ठाकुर अमर खाद भंडार मे पन्द्रह सौ रुपये महिने का नौकरी करता है ।अमर खाद भंडार के संचालक डिगेश साहू ने बताया कि मै अपने दुकान के नौकर का अधार कार्ड का उपयोग किया हू क्षेत्र के कृषकों को खाद बेचा हू रसीद किसी भी किसानों को नही दिया हू गलती हुआँ है।
छुरा वरिष्ठ कृषि अधिकारी दीवान हर माह मेरे दुकान मे आकर बैठते है पांश मशीन के बारे मे कुछ नही बताया है मेरे स्टाक रजिस्टर मे दस्तख्त करता है ।यूरिया खाद का बडे पैमाने पर कालाबाजारी हुआ है इस कालाबाजारी मे अनेकों लोगों ने जेब गर्म कर लिया है अगर कृषि अधिकारी समय समय पर उक्त खाद दुकान का निरीक्षण ईमानदारी पूर्वक करते तो शायद पन्द्रह सौ की नौकरी करने वाला भूमिहीन बीपीएल धारी के नाम पर तीन सौ साठ बैग यूरिया बिक्री नहीं होता !फर्टिलाइजर  के लिये केंन्द्र सरकार सबसिडी देती है
सबसीडी (अनुदान) का आखिर क्या होगा तीन सौ साठ बैग यूरिया खरीद बिक्री का मामले कुछ अधिकारी बयान तो ले लिया आज पन्द्रह दिन बीत जाने के बाद लगता है मामला ठंडे बस्ते मे चला गया अभी तक न तो खरीददार न तो विक्रेता पर कोई कार्यावाही हुआ ।नियमतः लाईसेंस निरस्त होना चाहिए , लेकिन अभी तक ऐसा नही हुआ , न अपराध दर्ज हुआ
उपर से पुनः दवाई खाद बिक्री बेधडक चल रहा है
कालाबाजारी करने वालो के हौसले बढेगें । किसी भिखारी के नाम पर हजारों बैग फर्टिलाइजर बेचे जायेगें , जरूरत मंद किसान ऊंचे दाम पर खाद खरीदने के लिए मजबूर होगें ।


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