छत्तीसगढ़
गरियाबंद-जिले की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत कोपरा एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार फर्जी रसीद के जरिए ट्रेक्टर से अवैध रुप से रेत सप्लााई का मामला सामने आया है। खनिज विभाग के नियम- कानून को तांक में रखकर अवैध रेत सप्लाई के लिए पंचायत प्रतिनिधियों ने खुद का नियम बनाया है। वर्षाकाल में रेत उत्खनन बंद होने के बाद भी रेत माफिया और उनके गुर्गे पैरी नदी का सीना छलनी कर रहे हैं। इसका खुलासा शुक्रवार को गांव के जागरुक नागरिकोंं, उपसरपंच एवं पंचों के दबिश में हुआ है।
जिले की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत कोपरा में इन दिनों अवैध रुप से रेत उत्खनन और सप्लाई का गोरख-धंधा फल-फूल रहा है। यहां के कुछ पंचायत प्रतिनिधि इस अवैध काम को अंजाम दे रहे हैं। सूत्रों का दावा है कि कुछ पंचायत प्रतिनिधि इस काम में संलिप्त हैं। उनके इशारें पर ही अवैध रेत उत्खनन और सप्लाई के काम को अंजाम दिया जा रहा हैं। बहरहाल इस गोरखा धंधे का पर्दाफाश शुक्रवार को उस समय हुआ जब गांव के उप सरपंच राजेश यादव और पंच डोमेश्वर यादव अपने साथियों के साथ सुबह विद्युत सब स्टेशन की ओर निकले थे। तभी रेत घाट की ओर से दर्जनों की संख्या में बाहर के ट्रेक्टर रेत भरकर निकल रहे थे। पंचायत प्रतिनिधियों ने रेत सप्लाई और उत्खनन की जानकारी ली तो ट्रेक्टर चालकों ने बकायदा एक रेडीमेड पर्ची दिखाया। उप सरपंच राजेश यादव और पंच डोमेश्वर यादव ने बताया कि पर्ची गांव के पंच शंकर सतनामी और पवन पटेल द्वारा काटी जा रही थी। उन्होंने बताया कि पर्ची को देखने में प्रथम दृष्टया फर्जी लग रहा है। इस पर्ची में न तो ग्राम पंचायत का नाम प्रिंट है और न ही सरपंच- सचिव या अन्य पंचायत प्रतिनिधि का हस्ताक्षर हैं। इस तरह कुछ पंच मिलीभगत से अवैध रेत उत्खनन और परिवहन के गोरखा धंधा को अंजाम दे रहे हैं। इससे शासन को प्रतिदिन हजारों रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा हैं। पंचायत प्रतिनिधियों ने फर्जी रासीद काटने वाले पंचों और उन्हें रसीद बुक उपलब्ध कराने वालों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। इस दौरान कांग्रेस नेता ओंकार सिंह ठाकुर, ठाकुर राम साहू, होरीलाल साहू, गौठान समिति अध्यक्ष नंदकुमार साहू और समन सिन्हा समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे। 14 ट्रेक्टरों पर कार्रवाई जिला खनिज अधिकारी फगूलाल नागेश ने बताया कि शुक्रवार को 14 ट्रेक्टरों पर कार्रवाई की गई है। इनमें 11 ट्रेक्टर कोपरा के पैरी नदी अवैध रेत उत्खनन कर सप्लाई कर रहे थे। इसकी शिकायत गांव के जागरुक नागरिकों ने की थी। शिकायत के आधार पर सुबह 10 बजे ट्रेक्टरों पर कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा कि पंचायत के नाम से फर्जी तरीके से रसीद काटने की बात भी सामने आ रही है। इस पर जांच कर उचित कार्रवाई की जाएंगी। बहरहाल सभी ट्रेक्टरों को पाण्डुका थाने में खड़ा किया गया है। वहीं कोदोबतर में तीन ट्रेक्टरों पर कार्रवाई की गई है। इन ट्रेक्टरों को गरियाबंद सिटी कोतवाली में रखा गया है। खनिज अधिकारी ने कहा कि वर्षाकाल में 15 अक्टूबर तक रेत उत्खनन प्रतिबंधित हैं। कहीं भी उत्खनन करते पाया गया तो उन पर सख्त कार्रवाई की जाएंगी। राजिम इलाकें में अवैध डंप का अंदेशा ग्राम कोपरा में पकड़े गए सभी ट्रेक्टर राजिम व उसके आसपास के हैं।
इससे अंदेशा है कि राजिम इलाकें में रेत को अवैध रूप से कहीं डंप किया जा रहा हैं। सूत्रों का कहना है कि वर्षाकाल में प्रदेश की सभी रेत खदानें बंद हैं। ऐसे में जिन लोगों ने रेत घाट का ठेका लिया है, वे ही कहीं-कहीं पर रेत डंप कर रहे हैं। इससे रेत की किल्लत पैदा हो गई है। बड़े शहरों में रेत 22 से 25 हजार रुपए हाइवा के दर से बिक रही हैं। इसका फायदा अवैध रुप से रेत उत्खनन और परिवहन करने वाले लोग उठा रहे हैं।उप सरपंच के निर्देश पर दी गई रसीद
इस संबंध में ग्राम पंचायत कोपरा की सरपंच डॉ. डाली साहू का कहना है कि उप सरपंच राजेश यादव ने कुछ दिन पूर्व सचिव को फोन किया था। उन्होंने बाहर से ट्रेक्टर आने की बात कही थी। इसके बाद एक पंच को फोन पर कहा था कि बाहर से आने वाले ट्रेक्टरों के लिए सरपंच से बात करों, सरपंच मेरा फोन नहीं उठा रही है। इसके बाद उप सरपंच ने खुद पंच शंकर पुरेना और पवन पटेल को गुमराह करते हुए रसीद काटने बैठने को कहा था। इस बात को दोनों पंचों ने खनिज अधिकारी के सामने स्वीकार किया है। उप सरपंच के निर्देश पर ही पंचायत कर्मचारियों ने दोनों पंचों को रसीद बुक उपलब्ध कराई है। सरपंच का कहना है कि पूर्व में प्रस्तावित था कि गांव के किसी भी ट्रेक्टर से राशि नहीं ली जाएगी । बाहर से आने वाले ट्रेक्टरों से रोड़ मरम्मत के लिए सहयोग के रुप में सौ रुपए लिया जाएगा।
इस संबंध में उप सरपंच राजेश यादव का कहना है कि मेरे ऊपर लगाए गए आरोप निराधार है। जो भी सच्चाई होगी जांच में सामने आ जाएंगी।
वर्सन
ग्राम कोपरा में अवैध रेत उत्खनन और परिवहन की शिकायत आई है। खनिज विभाग इस मामले में नियमत: कार्रवाई कर रही है। फिलहाल टेक्टरों को थाने में खड़ा किया गया है।
बसंत बघेल टीआई, पाण्डुका थाना
कोपरा से हो रही रेत की अवैध परिवहन, पंचायत का रशीद काटकर कर माइनिंग को दिखाया जा रहा ठेंगा,बिना पिटपास के ट्रेक्टर से रेत सप्लाई ,
Saturday, September 5, 2020
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गरियाबंद-जिले की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत कोपरा एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार फर्जी रसीद के जरिए ट्रेक्टर से अवैध रुप से रेत सप्लााई का मामला सामने आया है। खनिज विभाग के नियम- कानून को तांक में रखकर अवैध रेत सप्लाई के लिए पंचायत प्रतिनिधियों ने खुद का नियम बनाया है। वर्षाकाल में रेत उत्खनन बंद होने के बाद भी रेत माफिया और उनके गुर्गे पैरी नदी का सीना छलनी कर रहे हैं। इसका खुलासा शुक्रवार को गांव के जागरुक नागरिकोंं, उपसरपंच एवं पंचों के दबिश में हुआ है।
जिले की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत कोपरा में इन दिनों अवैध रुप से रेत उत्खनन और सप्लाई का गोरख-धंधा फल-फूल रहा है। यहां के कुछ पंचायत प्रतिनिधि इस अवैध काम को अंजाम दे रहे हैं। सूत्रों का दावा है कि कुछ पंचायत प्रतिनिधि इस काम में संलिप्त हैं। उनके इशारें पर ही अवैध रेत उत्खनन और सप्लाई के काम को अंजाम दिया जा रहा हैं। बहरहाल इस गोरखा धंधे का पर्दाफाश शुक्रवार को उस समय हुआ जब गांव के उप सरपंच राजेश यादव और पंच डोमेश्वर यादव अपने साथियों के साथ सुबह विद्युत सब स्टेशन की ओर निकले थे। तभी रेत घाट की ओर से दर्जनों की संख्या में बाहर के ट्रेक्टर रेत भरकर निकल रहे थे। पंचायत प्रतिनिधियों ने रेत सप्लाई और उत्खनन की जानकारी ली तो ट्रेक्टर चालकों ने बकायदा एक रेडीमेड पर्ची दिखाया। उप सरपंच राजेश यादव और पंच डोमेश्वर यादव ने बताया कि पर्ची गांव के पंच शंकर सतनामी और पवन पटेल द्वारा काटी जा रही थी। उन्होंने बताया कि पर्ची को देखने में प्रथम दृष्टया फर्जी लग रहा है। इस पर्ची में न तो ग्राम पंचायत का नाम प्रिंट है और न ही सरपंच- सचिव या अन्य पंचायत प्रतिनिधि का हस्ताक्षर हैं। इस तरह कुछ पंच मिलीभगत से अवैध रेत उत्खनन और परिवहन के गोरखा धंधा को अंजाम दे रहे हैं। इससे शासन को प्रतिदिन हजारों रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा हैं। पंचायत प्रतिनिधियों ने फर्जी रासीद काटने वाले पंचों और उन्हें रसीद बुक उपलब्ध कराने वालों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। इस दौरान कांग्रेस नेता ओंकार सिंह ठाकुर, ठाकुर राम साहू, होरीलाल साहू, गौठान समिति अध्यक्ष नंदकुमार साहू और समन सिन्हा समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे। 14 ट्रेक्टरों पर कार्रवाई जिला खनिज अधिकारी फगूलाल नागेश ने बताया कि शुक्रवार को 14 ट्रेक्टरों पर कार्रवाई की गई है। इनमें 11 ट्रेक्टर कोपरा के पैरी नदी अवैध रेत उत्खनन कर सप्लाई कर रहे थे। इसकी शिकायत गांव के जागरुक नागरिकों ने की थी। शिकायत के आधार पर सुबह 10 बजे ट्रेक्टरों पर कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा कि पंचायत के नाम से फर्जी तरीके से रसीद काटने की बात भी सामने आ रही है। इस पर जांच कर उचित कार्रवाई की जाएंगी। बहरहाल सभी ट्रेक्टरों को पाण्डुका थाने में खड़ा किया गया है। वहीं कोदोबतर में तीन ट्रेक्टरों पर कार्रवाई की गई है। इन ट्रेक्टरों को गरियाबंद सिटी कोतवाली में रखा गया है। खनिज अधिकारी ने कहा कि वर्षाकाल में 15 अक्टूबर तक रेत उत्खनन प्रतिबंधित हैं। कहीं भी उत्खनन करते पाया गया तो उन पर सख्त कार्रवाई की जाएंगी। राजिम इलाकें में अवैध डंप का अंदेशा ग्राम कोपरा में पकड़े गए सभी ट्रेक्टर राजिम व उसके आसपास के हैं।
इस संबंध में ग्राम पंचायत कोपरा की सरपंच डॉ. डाली साहू का कहना है कि उप सरपंच राजेश यादव ने कुछ दिन पूर्व सचिव को फोन किया था। उन्होंने बाहर से ट्रेक्टर आने की बात कही थी। इसके बाद एक पंच को फोन पर कहा था कि बाहर से आने वाले ट्रेक्टरों के लिए सरपंच से बात करों, सरपंच मेरा फोन नहीं उठा रही है। इसके बाद उप सरपंच ने खुद पंच शंकर पुरेना और पवन पटेल को गुमराह करते हुए रसीद काटने बैठने को कहा था। इस बात को दोनों पंचों ने खनिज अधिकारी के सामने स्वीकार किया है। उप सरपंच के निर्देश पर ही पंचायत कर्मचारियों ने दोनों पंचों को रसीद बुक उपलब्ध कराई है। सरपंच का कहना है कि पूर्व में प्रस्तावित था कि गांव के किसी भी ट्रेक्टर से राशि नहीं ली जाएगी । बाहर से आने वाले ट्रेक्टरों से रोड़ मरम्मत के लिए सहयोग के रुप में सौ रुपए लिया जाएगा।
इस संबंध में उप सरपंच राजेश यादव का कहना है कि मेरे ऊपर लगाए गए आरोप निराधार है। जो भी सच्चाई होगी जांच में सामने आ जाएंगी।
वर्सन
ग्राम कोपरा में अवैध रेत उत्खनन और परिवहन की शिकायत आई है। खनिज विभाग इस मामले में नियमत: कार्रवाई कर रही है। फिलहाल टेक्टरों को थाने में खड़ा किया गया है।
बसंत बघेल टीआई, पाण्डुका थाना
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