छत्तीसगढ़
गरियाबंद-सहकारी समिति रानीपरतेवा के निष्क्रियता से आक्रोशित हुए 10 गाँव के किसान सहकारी समिति रानीपरतेवा में खाद्यान्न सामाग्री की हेराफेरी मामले में सेल्समैन की गिरफ्तारी हुई। पर अब तक उन हितग्राहियों के खाद्यान्न सामाग्री का ध्यान किसी को नही आया। जिसका अनाज हड़प लिया गया। इस संबंध में न तो समिति प्रबंधक और न ही सहकारी समिति द्वारा कोई प्रयास किया गया। हितग्राहियों द्वारा अपने खाद्यान्न की जानकारी लिया जाता है। तो खाद्य विभाग के अधिकारियों के पास भी इसका जवाब नही।आखिर हितग्राहियों के हड़पे गए अनाज कैसे मिलेगा।विभाग के अधिकारियों द्वारा सहकारी समिति को बचाते हुए।इस हेराफेरी का सारा ठिकरा प्रबंधक और सेल्समैन के ऊपर फोर दिया गया है। और कुछ ही दिनों बाद सहकारी समिति से राशन दुकान संचालित करने का अधिकार छीन कर अन्य सहकारी समिति को दिया जाता है।आखिर खाद्य विभाग का यह दोहरापन से क्या सिद्ध होता हैं।उपरोक्त दोनों घटनाओं से सहकारी समिति रानीपरतेवा की निष्क्रियता और हेरा फेरी में संलिप्तता स्पष्ट उजागर होती है। जिससे आक्रोशित होकर इस सहकारी समिति के अंतर्गत आने वाले पूरे 10 गांव के किसान हितग्राहियों का एक बैठक रानीपरतेवा में सम्पन्न हुआ। जिसमें अकलवारा, कसेकेरा, भैरा-नवापारा , मुड़ागांव , रानीपरतेवा , करचाली , द्वारतरा , देवसरा और बम्हनी सभी गाँव से हितग्राही किसान स्वयं चलकर आए।सभी ने बैठक में अपने विचार रखे।बैठक में सहकारी समिति व अधिकारियों पर आक्रोष स्पष्ट दिख रहा था। अंततः सर्वसमिति से निम्न निर्णय लिए गए।खाद्यान्नों की हेरा फेरी में सहकारी समिति के संचालकों की संलिप्तता स्पष्ट है। आगामी धान खरीदी में गड़बड़ी की आशंका को देखते हुए।इस सहकारी समिति को तुरंत बर्खास्त किया जावे।समस्त हितग्राहियों को अप्रैल ,मई , जून, जुलाई के खाद्यान्न जो हेरा फेरी के कारण नही मिला है।उस खाद्यान्नों की आपूर्ति सुनिश्चित किया जावे।सहकारी समिति रानीपरतेवा जिसकी निष्क्रियता व भ्रष्ट नीतियों के कारण खाद्यान्नों की हेराफेरी व राशन दुकान निलंबित हुए। उसको तत्काल प्रभाव से बाहर किया जावे।अनुभागीय अधिकारी द्वारा आदेशित निलंबित राशन दुकान को संचालित करने की अनुमति स्थानीय गाँव के किसी समूह अथवा ग्राम पंचायत को दिया जाए।जन हित मे लिए गए उपरोक्त निर्णय को क्रियान्वित करने हेतु एक समिति गठित की गई। जो इन मांगों को पूरा करने एक ठोस व सकारात्मक कदम उठा सके।इन मांगों पर शासन से अपेक्षा है। कि जल्द कार्यवाही करें अन्यथा किसान सड़क पर उतरने को भी तैयार है!
।रानीपरतेवा के पुर्व सरपंच हेमलाल नेताम ने संचालन मंडल पर आरोप लगाते हुए कहा कि समिति के किसी भी सदस्य द्वारा अनाज में हुए।कालाबाजारी को लेकर किसी प्रकार का अपना पक्ष नहीं रखा हैं।
वही संचालक मंडल अध्यक्ष पन्ना लाल ध्रुव ने कहा कि अनाज के हेरा फेरी करने वाले सलाखों के पीछे चले गये हैं।गाँव में जो बैठक हुआ हैं।उसमें संचालक मंडल का कोई भी सदस्य नहीं था।और न ही बैठक की सूचना हमें नहीं मिली थी। जो आरोप लगा रहे हैं वो बेबुनियाद है!
रानीपरतेवा राशन दुकान में भष्टाचार व राशन नहीं मिलने को लेकर किसान व ग्रामीण नराज
Tuesday, September 1, 2020
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गरियाबंद-सहकारी समिति रानीपरतेवा के निष्क्रियता से आक्रोशित हुए 10 गाँव के किसान सहकारी समिति रानीपरतेवा में खाद्यान्न सामाग्री की हेराफेरी मामले में सेल्समैन की गिरफ्तारी हुई। पर अब तक उन हितग्राहियों के खाद्यान्न सामाग्री का ध्यान किसी को नही आया। जिसका अनाज हड़प लिया गया। इस संबंध में न तो समिति प्रबंधक और न ही सहकारी समिति द्वारा कोई प्रयास किया गया। हितग्राहियों द्वारा अपने खाद्यान्न की जानकारी लिया जाता है। तो खाद्य विभाग के अधिकारियों के पास भी इसका जवाब नही।आखिर हितग्राहियों के हड़पे गए अनाज कैसे मिलेगा।विभाग के अधिकारियों द्वारा सहकारी समिति को बचाते हुए।इस हेराफेरी का सारा ठिकरा प्रबंधक और सेल्समैन के ऊपर फोर दिया गया है। और कुछ ही दिनों बाद सहकारी समिति से राशन दुकान संचालित करने का अधिकार छीन कर अन्य सहकारी समिति को दिया जाता है।आखिर खाद्य विभाग का यह दोहरापन से क्या सिद्ध होता हैं।उपरोक्त दोनों घटनाओं से सहकारी समिति रानीपरतेवा की निष्क्रियता और हेरा फेरी में संलिप्तता स्पष्ट उजागर होती है। जिससे आक्रोशित होकर इस सहकारी समिति के अंतर्गत आने वाले पूरे 10 गांव के किसान हितग्राहियों का एक बैठक रानीपरतेवा में सम्पन्न हुआ। जिसमें अकलवारा, कसेकेरा, भैरा-नवापारा , मुड़ागांव , रानीपरतेवा , करचाली , द्वारतरा , देवसरा और बम्हनी सभी गाँव से हितग्राही किसान स्वयं चलकर आए।सभी ने बैठक में अपने विचार रखे।बैठक में सहकारी समिति व अधिकारियों पर आक्रोष स्पष्ट दिख रहा था। अंततः सर्वसमिति से निम्न निर्णय लिए गए।खाद्यान्नों की हेरा फेरी में सहकारी समिति के संचालकों की संलिप्तता स्पष्ट है। आगामी धान खरीदी में गड़बड़ी की आशंका को देखते हुए।इस सहकारी समिति को तुरंत बर्खास्त किया जावे।समस्त हितग्राहियों को अप्रैल ,मई , जून, जुलाई के खाद्यान्न जो हेरा फेरी के कारण नही मिला है।उस खाद्यान्नों की आपूर्ति सुनिश्चित किया जावे।सहकारी समिति रानीपरतेवा जिसकी निष्क्रियता व भ्रष्ट नीतियों के कारण खाद्यान्नों की हेराफेरी व राशन दुकान निलंबित हुए। उसको तत्काल प्रभाव से बाहर किया जावे।अनुभागीय अधिकारी द्वारा आदेशित निलंबित राशन दुकान को संचालित करने की अनुमति स्थानीय गाँव के किसी समूह अथवा ग्राम पंचायत को दिया जाए।जन हित मे लिए गए उपरोक्त निर्णय को क्रियान्वित करने हेतु एक समिति गठित की गई। जो इन मांगों को पूरा करने एक ठोस व सकारात्मक कदम उठा सके।इन मांगों पर शासन से अपेक्षा है। कि जल्द कार्यवाही करें अन्यथा किसान सड़क पर उतरने को भी तैयार है!
।रानीपरतेवा के पुर्व सरपंच हेमलाल नेताम ने संचालन मंडल पर आरोप लगाते हुए कहा कि समिति के किसी भी सदस्य द्वारा अनाज में हुए।कालाबाजारी को लेकर किसी प्रकार का अपना पक्ष नहीं रखा हैं।
वही संचालक मंडल अध्यक्ष पन्ना लाल ध्रुव ने कहा कि अनाज के हेरा फेरी करने वाले सलाखों के पीछे चले गये हैं।गाँव में जो बैठक हुआ हैं।उसमें संचालक मंडल का कोई भी सदस्य नहीं था।और न ही बैठक की सूचना हमें नहीं मिली थी। जो आरोप लगा रहे हैं वो बेबुनियाद है!
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