छत्तीसगढ़
गरियाबंद। फिंगेश्वर विकासखण्ड के बनगवां गांव में बीती रात एक हथनी ने बच्चे को जन्म दिया, लेकिन बच्चा दलदल में धंस गया। वन विभाग की टीम ने 3 घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद आखिरकार बच्चे को दलदल से सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
मिली जानकारी के अनुसार बीती रात हथनी ने बनगवां गांव से लगे एक धान के खेत में बच्चे को जन्म दिया था। खेत गीला होने के कारण और हाथियों के झुंड के वहां पहुंचने से वह दलदल में तब्दील हो गया। जिसके चलते नन्हा हाथी दलदल में फंस गया। हाथियों के झुंड ने उसे निकालने की भरसक कोशिश की लेकिन बच्चा नहीं निकला।
वन विभाग सूचना मिलते ही मौके पर पहुंच गया। डीएफओ मयंक अग्रवाल सहित विभाग के तमाम अधिकारी कर्मचारी सुबह सूरज निकलने से पहले बनगंवा पहुंच गए। इसके अलावा रायपुर से भी एक विशेष टीम बुलाई गई।
फिंगेश्वर प्रभारी रेंजर एसके तिवारी ने बताया कि हाथियों की मौजूदगी के कारण बच्चे का रेस्क्यू करना मुश्किल हो रहा था। पहले हाथियों के दल को मौके से भगाया गया क्योंकि उनकी उपस्थिति में रेस्क्यू करना मुश्किल हो रहा था। पहले वन विभाग ने जेसीबी की मदद से बच्चे को बाहर निकालने की कोशिश की। लेकिन जब उसमें सफल नहीं हुए तो हाथियों को वहां से खदेड़ कर लोगों ने मिलकर हाथों से बच्चों को दलदल से बाहर निकाला।
श्री तिवारी ने बताया कि फिलहाल बच्चे को दलदल से बाहर निकाल लिया गया है और वह सुरक्षित है। अब हाथियों के झुंड का इंतजार कर रहे हैं जिन्हें रेस्क्यू के दौरान पटाखा फोड़कर दूर भगा दिया गया था। ताकि नन्हा हाथी अपने झुंड में शामिल हो सके।
हथिनी ने दिया शावक को जन्म , दलदल में फंसा बच्चा
Friday, August 21, 2020
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गरियाबंद। फिंगेश्वर विकासखण्ड के बनगवां गांव में बीती रात एक हथनी ने बच्चे को जन्म दिया, लेकिन बच्चा दलदल में धंस गया। वन विभाग की टीम ने 3 घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद आखिरकार बच्चे को दलदल से सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
मिली जानकारी के अनुसार बीती रात हथनी ने बनगवां गांव से लगे एक धान के खेत में बच्चे को जन्म दिया था। खेत गीला होने के कारण और हाथियों के झुंड के वहां पहुंचने से वह दलदल में तब्दील हो गया। जिसके चलते नन्हा हाथी दलदल में फंस गया। हाथियों के झुंड ने उसे निकालने की भरसक कोशिश की लेकिन बच्चा नहीं निकला।
वन विभाग सूचना मिलते ही मौके पर पहुंच गया। डीएफओ मयंक अग्रवाल सहित विभाग के तमाम अधिकारी कर्मचारी सुबह सूरज निकलने से पहले बनगंवा पहुंच गए। इसके अलावा रायपुर से भी एक विशेष टीम बुलाई गई।
फिंगेश्वर प्रभारी रेंजर एसके तिवारी ने बताया कि हाथियों की मौजूदगी के कारण बच्चे का रेस्क्यू करना मुश्किल हो रहा था। पहले हाथियों के दल को मौके से भगाया गया क्योंकि उनकी उपस्थिति में रेस्क्यू करना मुश्किल हो रहा था। पहले वन विभाग ने जेसीबी की मदद से बच्चे को बाहर निकालने की कोशिश की। लेकिन जब उसमें सफल नहीं हुए तो हाथियों को वहां से खदेड़ कर लोगों ने मिलकर हाथों से बच्चों को दलदल से बाहर निकाला।
श्री तिवारी ने बताया कि फिलहाल बच्चे को दलदल से बाहर निकाल लिया गया है और वह सुरक्षित है। अब हाथियों के झुंड का इंतजार कर रहे हैं जिन्हें रेस्क्यू के दौरान पटाखा फोड़कर दूर भगा दिया गया था। ताकि नन्हा हाथी अपने झुंड में शामिल हो सके।
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