छत्तीसगढ़
राजनीति
गरियाबंद । भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संदीप शर्मा ने उपार्जन केंद्रों में लाखों क्विंटल धान के सड़ जाने और रिकॉर्ड में ज़ीरो शॉर्टेज करने की चल रही कवायद पर निशाना साधा है। शर्मा ने कहा कि यह प्रदेश सरकार और आला अफ़सरों की मिली-जुली मनमानी का जीता-जागता नमूना है।भाजपा किसान मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संदीप शर्मा ने कहा कि धान खरीदी के दौरान बार-बार हुई बारिश के चलते करोड़ों रुपए मूल्य का धान पानी में भीगकर सड़ गया और प्रदेश सरकार तथा आला अफ़सर अब ज़ीरो शॉर्टेज धान खरीदी का रिकॉर्ड बनाने की कवायद में जुटकर लीपापोती करने में लगे हैं। इसी के चलते धान खरीदी के 06 माह बीत जाने के बाद भी अब तक धान का हिसाब-किताब पूरा नहीं किया जा सका। शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार अपनी लापरवाही व विफलताओं पर पर्दा डालने और अपनी नाक बचाने के फेर में बड़े नौकरशाहों के जरिए सहकारी खरीद समितियों पर ज़ीरो शॉर्टेज धान खरीदी का रिकॉर्ड तैयार करने का दबाव बनाकर एक बार फिर प्रदेश की जनता आँखों में धूल झोंकने का कृत्य कर रही है।
कहा कि यह बेहद शर्मनाक है कि सरकार अपनी ज़िम्मेदारी का निर्वहन नहीं करके अब खरीद समितियों को बहुत बड़े नुकसान की ओर धकेलने का काम कर रही है। प्रदेश सरकार ने बफर स्टाक से ऊपर का धान 72 घंटे में उठाने के अनुबंध का पालन नहीं किया और समितियों को वे ज़रूरी संसाधन मुहैया नहीं कराए जिससे धान को सुरक्षित रखा जा सकता। संसाधनों की कमी के चलते समितियाँ भी विवश थीं। शर्मा ने आगे कहा कि अब सरकार अपनी गलती को सहकारी खरीद समितियों पर डालकर उन्हें बर्बाद करने पर तुली हुई है। धान के सड़ने के लिए अपनी ज़िम्मेदारी से पल्ला झाड़कर प्रदेश सरकार सहकारी समितियों को आर्थिक चोट पहुँचा रही है।उन्होंने प्रदेश सरकार द्वारा समिति के लोगों को बर्ख़ास्त करने की कार्रवाई को बेहद निंदनीय बताते हुए ज़ीरो शॉर्टेज की इस पूरी कवायद पर ऐतराज जताते हुए कहा कि सहकारी समिति प्रभारियों द्वारा करोड़ों रुपए मूल्य का धान भीग जाने की बात लिखकर देने के बावज़ूद प्रदेश सरकार हर सूरत में हिसाब में ज़ीरो शॉर्टेज दिखाने के लिए सहकारी समितियों पर अनुचित दबाव बनाने पर आमादा है। यदि धान खरीदी के समय सुरक्षा के मामले में सरकार मुस्तैद रहती तो यह नौबत ही नहीं आती, लेकिन प्रदेश सरकार का सत्तावादी अहंकार और हठवाद अब प्रदेश में मनमानी कर लोगों की आँखों में धूल झोंकने की एक नई कवायद कर रहा है। भाजपा किसान मोर्चा प्रदेश सरकार के इस कृत्य की कटु निंदा करता है।
सरकार अपनी गलती सहकारी समितियों पर डाल उन्हें आर्थिक चोट पहुँचाने और बर्बाद करने पर तुली हुई है! संदीप शर्मा @धान सड़ने और ज़ीरो शॉर्टेज की कवायद प्रदेश सरकार और आला अफ़सरों की मिली-जुली मनमानी का नमूना
Wednesday, July 15, 2020
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गरियाबंद । भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संदीप शर्मा ने उपार्जन केंद्रों में लाखों क्विंटल धान के सड़ जाने और रिकॉर्ड में ज़ीरो शॉर्टेज करने की चल रही कवायद पर निशाना साधा है। शर्मा ने कहा कि यह प्रदेश सरकार और आला अफ़सरों की मिली-जुली मनमानी का जीता-जागता नमूना है।भाजपा किसान मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संदीप शर्मा ने कहा कि धान खरीदी के दौरान बार-बार हुई बारिश के चलते करोड़ों रुपए मूल्य का धान पानी में भीगकर सड़ गया और प्रदेश सरकार तथा आला अफ़सर अब ज़ीरो शॉर्टेज धान खरीदी का रिकॉर्ड बनाने की कवायद में जुटकर लीपापोती करने में लगे हैं। इसी के चलते धान खरीदी के 06 माह बीत जाने के बाद भी अब तक धान का हिसाब-किताब पूरा नहीं किया जा सका। शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार अपनी लापरवाही व विफलताओं पर पर्दा डालने और अपनी नाक बचाने के फेर में बड़े नौकरशाहों के जरिए सहकारी खरीद समितियों पर ज़ीरो शॉर्टेज धान खरीदी का रिकॉर्ड तैयार करने का दबाव बनाकर एक बार फिर प्रदेश की जनता आँखों में धूल झोंकने का कृत्य कर रही है।
कहा कि यह बेहद शर्मनाक है कि सरकार अपनी ज़िम्मेदारी का निर्वहन नहीं करके अब खरीद समितियों को बहुत बड़े नुकसान की ओर धकेलने का काम कर रही है। प्रदेश सरकार ने बफर स्टाक से ऊपर का धान 72 घंटे में उठाने के अनुबंध का पालन नहीं किया और समितियों को वे ज़रूरी संसाधन मुहैया नहीं कराए जिससे धान को सुरक्षित रखा जा सकता। संसाधनों की कमी के चलते समितियाँ भी विवश थीं। शर्मा ने आगे कहा कि अब सरकार अपनी गलती को सहकारी खरीद समितियों पर डालकर उन्हें बर्बाद करने पर तुली हुई है। धान के सड़ने के लिए अपनी ज़िम्मेदारी से पल्ला झाड़कर प्रदेश सरकार सहकारी समितियों को आर्थिक चोट पहुँचा रही है।उन्होंने प्रदेश सरकार द्वारा समिति के लोगों को बर्ख़ास्त करने की कार्रवाई को बेहद निंदनीय बताते हुए ज़ीरो शॉर्टेज की इस पूरी कवायद पर ऐतराज जताते हुए कहा कि सहकारी समिति प्रभारियों द्वारा करोड़ों रुपए मूल्य का धान भीग जाने की बात लिखकर देने के बावज़ूद प्रदेश सरकार हर सूरत में हिसाब में ज़ीरो शॉर्टेज दिखाने के लिए सहकारी समितियों पर अनुचित दबाव बनाने पर आमादा है। यदि धान खरीदी के समय सुरक्षा के मामले में सरकार मुस्तैद रहती तो यह नौबत ही नहीं आती, लेकिन प्रदेश सरकार का सत्तावादी अहंकार और हठवाद अब प्रदेश में मनमानी कर लोगों की आँखों में धूल झोंकने की एक नई कवायद कर रहा है। भाजपा किसान मोर्चा प्रदेश सरकार के इस कृत्य की कटु निंदा करता है।
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