छत्तीसगढ़
गरियाबंद। जिले के ज्यादातर कांग्रेसी कलेक्टर छतर सिंह डेहरे की कार्यशैली से खुश नही है, आज प्रभारी मंत्री ताम्रध्वज साहू के सामने इन नेताओं ने कलेक्टर के प्रति अपनी नाराजगी व्यक्त की है, प्रभारी मंत्री ने नेताओं की शिकायतें गम्भीरता से सुनी और अधिकारियों को कई दिशा निर्देश जारी किए। प्रभारी मंत्री ने आज जैसे ही सर्किट हाउस में पार्टी कार्यकर्ताओं और आम जनता से बातचीत शुरू की तो मौके पर मौजूद पार्टी कार्यकर्ताओं ने कलेक्टर की जमकर शिकायत की, कार्यकर्ताओ ने कलेक्टर पर उनकी बात को गम्भीरता से नही लेने का आरोप लगाया इसके अलावा कई ऐसी प्रामाणित शिकायते भी की जिसमे कलेक्टर निरुत्तर नजर आए।
पार्टी के एक कार्यकर्ता ने अवैध रेत निकासी का मुद्दा उठाया, जिसमे उन्होने मंत्री को बताया कि माइनिंग विभाग द्वारा किसानों के रेत से भरे ट्रैक्टरों पर कार्यवाही करके 15 दिन तक थाने में खड़े करके रखा, जबकि अवैध तरीके से हाइवा में रेत सप्लाई जारी रही, कार्यकर्ता ने आगे कहा कि इस मामले की पूरी जानकारी कलेक्टर को दी गयी लेकिन उन्होंने कोई गम्भीरता नही दिखाई।इसी प्रकार एक कार्यकर्ता ने देवभोग में संचालित अवैध क्लिनिक पर कलेक्टर द्वारा जानबूझकर कार्यवाही नही करने का आरोप लगाया, शिकायतकर्ता ने बताया कि जांच पूरी होने के बाद भी कलेक्टर द्वारा फाइल दबाकर रख दी गयी है और कार्यवाही के आदेश जारी नही किए जा रहे है। लिपिक संघ के पदाधिकारियों ने प्रभारी मंत्री के समक्ष अपनी बात रखते हुए कहा कि उच्चाधिकारियों ने अपनी गलती छुपाने के लिए उनके एक बाबू को सस्पेंड कर दिया है, उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी अपने गलती स्वीकार कर रहे है लेकिन उसके बावजूद भी बाबू को बहाल नही किया जा रहा है, उन्होंने मामले में उच्चाधिकारियों से बड़ी लापरवाही होने की बात कही है। वही प्रभारी मंत्री ने मीडिया से बातचीत में बताया कि कार्यकर्ताओं ने इस तरह की शिकायतें की है और इसको लेकर उन्होंने बैठक में अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए हैं, उन्होंने जिम्मेदार अधिकारियों को सभी मामले गंभीरता से लेने और तत्परता से कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
कलेक्टर के कामकाज से जिले के कांग्रेसी नाराज, प्रभारी मंत्री को सुनाया अपना दुखड़ा
Friday, July 3, 2020
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गरियाबंद। जिले के ज्यादातर कांग्रेसी कलेक्टर छतर सिंह डेहरे की कार्यशैली से खुश नही है, आज प्रभारी मंत्री ताम्रध्वज साहू के सामने इन नेताओं ने कलेक्टर के प्रति अपनी नाराजगी व्यक्त की है, प्रभारी मंत्री ने नेताओं की शिकायतें गम्भीरता से सुनी और अधिकारियों को कई दिशा निर्देश जारी किए। प्रभारी मंत्री ने आज जैसे ही सर्किट हाउस में पार्टी कार्यकर्ताओं और आम जनता से बातचीत शुरू की तो मौके पर मौजूद पार्टी कार्यकर्ताओं ने कलेक्टर की जमकर शिकायत की, कार्यकर्ताओ ने कलेक्टर पर उनकी बात को गम्भीरता से नही लेने का आरोप लगाया इसके अलावा कई ऐसी प्रामाणित शिकायते भी की जिसमे कलेक्टर निरुत्तर नजर आए।
पार्टी के एक कार्यकर्ता ने अवैध रेत निकासी का मुद्दा उठाया, जिसमे उन्होने मंत्री को बताया कि माइनिंग विभाग द्वारा किसानों के रेत से भरे ट्रैक्टरों पर कार्यवाही करके 15 दिन तक थाने में खड़े करके रखा, जबकि अवैध तरीके से हाइवा में रेत सप्लाई जारी रही, कार्यकर्ता ने आगे कहा कि इस मामले की पूरी जानकारी कलेक्टर को दी गयी लेकिन उन्होंने कोई गम्भीरता नही दिखाई।इसी प्रकार एक कार्यकर्ता ने देवभोग में संचालित अवैध क्लिनिक पर कलेक्टर द्वारा जानबूझकर कार्यवाही नही करने का आरोप लगाया, शिकायतकर्ता ने बताया कि जांच पूरी होने के बाद भी कलेक्टर द्वारा फाइल दबाकर रख दी गयी है और कार्यवाही के आदेश जारी नही किए जा रहे है। लिपिक संघ के पदाधिकारियों ने प्रभारी मंत्री के समक्ष अपनी बात रखते हुए कहा कि उच्चाधिकारियों ने अपनी गलती छुपाने के लिए उनके एक बाबू को सस्पेंड कर दिया है, उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी अपने गलती स्वीकार कर रहे है लेकिन उसके बावजूद भी बाबू को बहाल नही किया जा रहा है, उन्होंने मामले में उच्चाधिकारियों से बड़ी लापरवाही होने की बात कही है। वही प्रभारी मंत्री ने मीडिया से बातचीत में बताया कि कार्यकर्ताओं ने इस तरह की शिकायतें की है और इसको लेकर उन्होंने बैठक में अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए हैं, उन्होंने जिम्मेदार अधिकारियों को सभी मामले गंभीरता से लेने और तत्परता से कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
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