बेमौसम बारिश आंधी-तूफान और ओलावृष्टि से सैकड़ों एकड़ धान की फसल बर्बाद - state-news.in
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बेमौसम बारिश आंधी-तूफान और ओलावृष्टि से सैकड़ों एकड़ धान की फसल बर्बाद




गरियाबंद बेमौसम बारिश के कारण रबी फसल लगाए किसानों का हाल बेहाल हो गया है। हालत यह है कि कई गांव में बारिश एवं आंधी-तूफान ने कहर ढाया है। किसानों ने इस विपदा के बाद शासन-प्रशासन से राहत की गुहार लगाई है। रबी फसल कटाई के दौरान ही बेमौसम बारिश होने से किसानों के सपने एक तरह से चकनाचूर हो गए हैं। देखा जाए तो सैकड़ों एकड़ की धान फसल बर्बाद हो गई है। किसानों की माली हालत यह है कि जमीन गीली होने के कारण बचे फसल की कटाई भी नहीं कर पा रहे हैं। ओले और बेमौसम बारिश का असर यह रहा कि पतझड़ की तर्ज पर धान के पौधे में पके बालियां जमीन पर गिर गई है। किसानों को पहली बार इस तरह का विपदा का सामना करना पड़ा है। कुल मिलाकर देखा जाए तो प्रकृति की मार के कारण किसानों की हालत दयनीय हो गई है। किसानों का कहना है कि फसल का लागत मूल्य भी नहीं मिल पा रही है।



गौरतलब है कि बीते सोमवार को क्षेत्र में बेमौसम बारिश और आंधी-तूफान के साथ कहीं-कहीं ओलावृष्टि भी हुई है। जिससे ग्राम कोचबाय, तंवरबहरा, झितरीडुमर, सुहागपुर, कोकड़ी सहित अनेक गांव के सैकड़ों किसान प्राकृतिक आपदा की मार झेलने मजबूर हैं। किसान टंकेश्वर शर्मा, धरमसिंग कश्यप, लखनु कश्यप, श्रीराम कश्यप, लक्षन, गंगाराम सोम, राधेश्याम, गैंद, चवरसिंग, रमेश सोम, नोहरसिंह, कुशल, त्रिलोक सिन्हा इत्यादि किसानों ने बताया कि सोमवार को अचानक आए आंधी-तूफान, बारिश और ओलावृष्टि के चलते रबी में लगाए धान की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गया है। कहा कि छोटे किसान हैं, जो कि कर्ज लेकर धान की फसल लगाए थे, बारिश के पानी, आंधी-तूफान और ओले गिरने की वजह से धान की बालियां पूरी तरह से गिर गई है। कहा कि किसानी की लागत तक नहीं मिल पा रही है। उन्होंने शासन-प्रशासन से राहत पहुंचाने की मांग की है।
वहीं आंधी-तूफान, बारिश और ओले गिरने से प्रभावित किसानों को राहत पहुंचाने राजस्व प्रशासन ने सर्वे कराने का काम शुरू कर दिया है। संबंधित गांव के हल्का पटवारियों को नुकसान का मुआयना कर प्रकरण तैयार करने को कहा है। जिसके चलते अब हल्का पटवारी नुकसान का आंकलन करने जुट गए हैं। इसके अलावा उन्हें कहा गया है कि जिनके मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं उनका भी सर्वे कर रिपोर्ट तैयार करने की बात कही है।वही मामले में तहसीलदार राकेश साहू, ने बताया कि आंधी-तूफान, बारिश और कहीं-कहीं ओले गिरने की खबर मिली है। जिससे कि फसल नुकसान हुए हैं, हल्का पटवारियों को फसल के साथ-साथ क्षतिग्रस्त मकानों का भी सर्वे करने कहा गया है। जिसके बाद राजस्व पुस्तक परिपत्र के प्रावधानों के तहत मुआवजा राशि दिए जाएंगे।बताना लाजिमी होगा कि ग्राम कोचबाय पहुंचकर किसानों के खेतों में उतरकर देखा तो पाया कि खेतों में दो से तीन इंच पानी भर गया है। धान की फसलें पूरी तरह से झुक गई थी और पौधे में पके धान की बालियां नीचे गिर गए थे। वहीं कुछ किसान खेत में कटाई कर रखे धान की फसलों को बचाने की जुगत में लगे हुए थे। किसानों का कहना था कि हम छोटे तबके के किसान हैं, कर्ज लेकर रबी सीजन में धान की फसल लगाए थे, जो कि ओले और आंधी-तूफान एवं बेमौसम बारिश के चलते बर्बाद हो गए हैं।
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