कोरोना वायरस
छत्तीसगढ़
दूसरे प्रदेशों से अपने घर वापिस लौट रहे लोगों को रायपुर ट्रेन से उनके घर तक पहुंचाने में जिला प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है, कुछ लोग अधिकारियो की नाक के नीचे ही ट्रेन से उतरकर अपने वाहनों से घर पहुंचने में सफल हो रहे हैं, ऐसा ही एक मामला छुरा विकासखंड में सामने आया है जहां एक युवती ट्रेन से उतर कर निजी वाहन में सवार होकर गांव पहुंच गई, हालांकि ग्रामीणों ने सजगता दिखाते हुए युवती और उसको रायपुर से अपने वाहन में बिठाकर लाने वाले तीन ग्रामीणों को क्वॉरेंटाइन कर दिया है।
मामला घटकर्रा पंचायत का है, गांव की युवती धनेश्वरी वर्मा 13 मई को हैदराबाद से रायपुर पहुंची थी, धनेश्वरी श्रमिको के लिए हैदराबाद से रायपुर तक चलाई गयी स्पेशल ट्रेन से रायपुर रेलवे स्टेशन पहुंची, और फिर ट्रेन से उतरकर रेलवे स्टेशन से बाहर निकली, वहां से निकल कर वे एक निजी वाहन से अपने गांव पहुंच गई, गांव के ईश्वर साहू अपनी आल्टो कार में बिठाकर उन्हें गांव ले आए, गाड़ी में इस दौरान मोहन साहू और उनके पिता ओंकार साहू भी मौजूद थे। स्टेशन पर इस दौरान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था होने के बावजूद भी युवती निजी वाहन में सवार होकर गांव पहुंच गयी, उस समय स्टेशन पर गरियाबंद जिला प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद थे, जिनके जिम्मे बाहर से आने वाले जिले के लोगो को उनके गांव में बने क्वारेंटाइन सेंटर तक छोड़ने की जिम्मेदारी दी गयी है, युवती स्टेशन से घर पहुंच गयी मगर ड्यूटी पर तैनात जिले के अधिकारियों को इसकी भनक तक नही लगी।
युवती के रेलवे स्टेशन से घर पहुंचने पर शासन द्वारा की गई व्यवस्थाओं की कई कलाइयां खुलकर सामने आ गई, सबसे पहले तो राज्य शासन द्वारा रेलवे स्टेशन पर की गई व्यवस्था की पोल खुलकर सामने आ गयी, उसके बाद एक ऑल्टो कार में 4 लोग सवार होकर 80 किमी दूर गरियाबंद जिले के छुरा विकासखण्ड पहुंच गए, इस दौरान उनकी गाड़ी रायपुर और गरियाबंद जिले के कई चेकपोस्ट से गुजरी, लेकिन किसी ने उन्हें रोकना मुनासिब नही समझा। शासन के नियमानुसार चार पहिया वाहन में तीन व्यक्ति से अधिक सवार नहीं हो सकते, उसके बावजूद भी युवती जिस वाहन मैं बैठकर गांव पहुंची उस में 4 लोग सवार थे, शासन द्वारा की गई तमाम व्यवस्थाओं की एक घटना ने पूरी पोल खोल कर सामने रख दी है,नियमानुसार शासन द्वारा ही अपने वाहनों से प्रवासी लोगों को उनके गांव में बने क्वॉरेंटाइन सेंटर तक पहुंचाने की व्यवस्था की गई है।घटकर्रा के ग्रामीणों ने इस मामले में सजगता दिखाई है, जैसे ही गांव के तीन लोग युवती को लेकर गांव पहुंचे तो ग्रामीणों ने चारों को मिडिल स्कूल में बने क्वॉरेंटाइन सेंटर दाखिल कर दिया, फिलहाल ईश्वर साहू, मोहन साहू, ओंकार साहू और धनेश्वरी वर्मा क्वारेंटाइन सेंटर में रह रहे हैं।हालांकि युवती को अपनी गाड़ी से गांव लेकर पहुंचे ईश्वर साहू ने क्वारेंटाइन सेंटर की व्यवस्थाओं को लेकर नाराजगी जताई है, उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि क्वॉरेंटाइन सेंटर में सैनिटाइज की कोई व्यवस्था नहीं है, उन्हें आए 3 दिन हो गए लेकिन अब तक एक बार भी रूम को सनराइज नहीं किया गया है, इसके अलावा उन्होंने डॉक्टरी परीक्षण की भी कोई व्यवस्था नहीं होने का आरोप लगाया है।
मामले में जिले के जिम्मेदार अधिकारियों से भी संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनकी कोई प्रतिक्रिया प्राप्त नही हुई।
बड़ी लापरवाही, प्रवासी ट्रेन से उतरकर अधिकारियों की बिना जानकारी के अपने वाहनों से पहुंच रहे घर
Friday, May 15, 2020
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दूसरे प्रदेशों से अपने घर वापिस लौट रहे लोगों को रायपुर ट्रेन से उनके घर तक पहुंचाने में जिला प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है, कुछ लोग अधिकारियो की नाक के नीचे ही ट्रेन से उतरकर अपने वाहनों से घर पहुंचने में सफल हो रहे हैं, ऐसा ही एक मामला छुरा विकासखंड में सामने आया है जहां एक युवती ट्रेन से उतर कर निजी वाहन में सवार होकर गांव पहुंच गई, हालांकि ग्रामीणों ने सजगता दिखाते हुए युवती और उसको रायपुर से अपने वाहन में बिठाकर लाने वाले तीन ग्रामीणों को क्वॉरेंटाइन कर दिया है।
मामला घटकर्रा पंचायत का है, गांव की युवती धनेश्वरी वर्मा 13 मई को हैदराबाद से रायपुर पहुंची थी, धनेश्वरी श्रमिको के लिए हैदराबाद से रायपुर तक चलाई गयी स्पेशल ट्रेन से रायपुर रेलवे स्टेशन पहुंची, और फिर ट्रेन से उतरकर रेलवे स्टेशन से बाहर निकली, वहां से निकल कर वे एक निजी वाहन से अपने गांव पहुंच गई, गांव के ईश्वर साहू अपनी आल्टो कार में बिठाकर उन्हें गांव ले आए, गाड़ी में इस दौरान मोहन साहू और उनके पिता ओंकार साहू भी मौजूद थे। स्टेशन पर इस दौरान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था होने के बावजूद भी युवती निजी वाहन में सवार होकर गांव पहुंच गयी, उस समय स्टेशन पर गरियाबंद जिला प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद थे, जिनके जिम्मे बाहर से आने वाले जिले के लोगो को उनके गांव में बने क्वारेंटाइन सेंटर तक छोड़ने की जिम्मेदारी दी गयी है, युवती स्टेशन से घर पहुंच गयी मगर ड्यूटी पर तैनात जिले के अधिकारियों को इसकी भनक तक नही लगी।
युवती के रेलवे स्टेशन से घर पहुंचने पर शासन द्वारा की गई व्यवस्थाओं की कई कलाइयां खुलकर सामने आ गई, सबसे पहले तो राज्य शासन द्वारा रेलवे स्टेशन पर की गई व्यवस्था की पोल खुलकर सामने आ गयी, उसके बाद एक ऑल्टो कार में 4 लोग सवार होकर 80 किमी दूर गरियाबंद जिले के छुरा विकासखण्ड पहुंच गए, इस दौरान उनकी गाड़ी रायपुर और गरियाबंद जिले के कई चेकपोस्ट से गुजरी, लेकिन किसी ने उन्हें रोकना मुनासिब नही समझा। शासन के नियमानुसार चार पहिया वाहन में तीन व्यक्ति से अधिक सवार नहीं हो सकते, उसके बावजूद भी युवती जिस वाहन मैं बैठकर गांव पहुंची उस में 4 लोग सवार थे, शासन द्वारा की गई तमाम व्यवस्थाओं की एक घटना ने पूरी पोल खोल कर सामने रख दी है,नियमानुसार शासन द्वारा ही अपने वाहनों से प्रवासी लोगों को उनके गांव में बने क्वॉरेंटाइन सेंटर तक पहुंचाने की व्यवस्था की गई है।घटकर्रा के ग्रामीणों ने इस मामले में सजगता दिखाई है, जैसे ही गांव के तीन लोग युवती को लेकर गांव पहुंचे तो ग्रामीणों ने चारों को मिडिल स्कूल में बने क्वॉरेंटाइन सेंटर दाखिल कर दिया, फिलहाल ईश्वर साहू, मोहन साहू, ओंकार साहू और धनेश्वरी वर्मा क्वारेंटाइन सेंटर में रह रहे हैं।हालांकि युवती को अपनी गाड़ी से गांव लेकर पहुंचे ईश्वर साहू ने क्वारेंटाइन सेंटर की व्यवस्थाओं को लेकर नाराजगी जताई है, उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि क्वॉरेंटाइन सेंटर में सैनिटाइज की कोई व्यवस्था नहीं है, उन्हें आए 3 दिन हो गए लेकिन अब तक एक बार भी रूम को सनराइज नहीं किया गया है, इसके अलावा उन्होंने डॉक्टरी परीक्षण की भी कोई व्यवस्था नहीं होने का आरोप लगाया है।
मामले में जिले के जिम्मेदार अधिकारियों से भी संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनकी कोई प्रतिक्रिया प्राप्त नही हुई।
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