गरियाबंद cmho ने देवभोग क्लिनिक में छापेमारी कार्यवाही की । - state-news.in
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गरियाबंद cmho ने देवभोग क्लिनिक में छापेमारी कार्यवाही की ।





देवभोग स्वास्थ्य विभाग की ऑन लाइन रिकार्ड में दर्ज था लोकडॉउन के दरम्यान 10 से ज्यादा प्रसव टिकरापारा के क्लिनिक में हुआ,पड़ताल में पहूँचे सीएमएचओ को अवैध क्लिनिक में मिला दवा का जखीरा।प्रतिबन्धित व कालातीत दवाएं भी मिले। आज सीएमएचओ एन आर नवरत्न जिले की टीम के साथ टिकरापारा में सन्चालित क्लिनिक में छापेमारी किया।क्लिनिक सुधीर दौरा द्वारा संचालित किया जा रहा था।स्थानीय प्रसाशनिक अमला के साथ पहूँचे दल ने क्लिनिक पहूच वैधानिक दस्तवेज की मांग किया,पर वँहा क्लिनिक संचालित करने के एक भी दस्तवेज नही मिले।आज ही इलाज के ताजा प्रमाण भी मिले।सीएमएचओ एन वार नवरत्न ने बताया कि लोकडॉउन के दरम्यान मार्च अप्रैल माह में अब तक 10 से ज्यादा प्रसव टिकरापारा क्लिनिक में होना,हेल्थ मैनेजमेंट इनफार्मेशन रजिस्टर में दर्ज था।रिकार्ड के मुताबिक कोई भी क्लोनिक का पंजीयन नही था,पता चला था दौरा परिवार के द्वारा क्लिनिक संचालन हो रहा।इसी के पड़ताल में पहूचे थे।जांच के लिए अंदर प्रवेश करने नही दिया गया,निवास के बरामदे में एक टेबल में दवा का ढेर था।तीन कार्टून दवा जप्त किया गया है।जिसमे कुछ स्ट्रिप ओड़िसा सरकार के भी मिले है! प्रतिबंधित दवा व एक्सपायरी भी मिले है।जप्त किया गया है।






क्लिनिक संचालक को नोटिस जारी कर आगे की आवश्यक कार्यवाही किया जाएगा।जिले की टिम में डीपीएम डॉक्टर रीना लक्ष्मी,खाद्य सुरक्षा अधिकारी तरुण बिरला। के अलावा स्थानीय  एसडीएम भूपेंद्र साहू,थाना प्रभारी सत्येन्द्र श्याम मौजूद थे ! प्रतिबंद्ध लगा है पर उपयोग क्यो!छापेमारी में निमोस्लाइड  दवा मिला है जिस पर प्रतिबंध लगा हुआ है।टीम ने बायो मेडिकल वेस्ट के पालन भी नही होना पाया, उपयोग किये गए इंजेक्शन व अन्य दवा के कचरे बोतल,निडिल खुले में पड़े हुए मिले।15 माह पहले हो चुकी है कार्यवाही-अवैध प्रसव की शिकायत पर 15 माह पहले इस क्लिनिक में स्वास्थ्य विभाग ने छापेमारी कर क्लिनिक को सील कर दिया था।उस समय देवभोग में पदस्थ डॉक्टर शैलेश जो कि सुधीर का भाई है, को दोषी पाया गया था।सरकार ने सेलेश को बर्खास्त कर दिया था।तब से सेलेश धर्मगढ ओड़िसा अस्पताल में पदस्थ हो गया है।
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