कोरोना वायरस
जिला पंचायत के सीईओ आशुतोष पाण्डेय ने मनरेगा के तहत गांवों में श्रम मूलक कार्यों को तत्काल शुरू करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग सहित कोविद प्रोटोकॉल के अंतर्गत काम जारी रखने में कोई अड़चन नहीं है। राज्य शासन के भी इस संबंध स्पष्ट निर्देश हैं। मनरेगा कार्यों की प्रगति का यह उचित समय भी है। यदि वर्तमान में काम आगे नहीं बढ़ पाया तो इस योजना के अंतर्गत काम करने वाले लगभग 1 हज़ार कर्मचारियों को वेतन के लाले पड़ सकते हैं। क्योंकि मनरेगा खर्च के अनुपात में ही उसका एक निश्चित हिस्सा वेतन और प्रशासनिक कार्यों में खर्च किया जा सकता है। कर्मचारियों के वेतन और प्रशासनिक कार्यो के लिए नियमों में अलग से राशि का प्रावधान नहीं होता है। फिलहाल सभी ग्राम पंचायतों में रोज़गार सहायक, जनपदों में तकनीकी सहायक, कंप्यूटर ऑपरेटर, एपीओ आदि कर्मचारी कार्यरत हैं। सीईओ ने बताया कि जिले में मनरेगा के अंतर्गत लगभग 4.5 लाख श्रमिक पंजीकृत हैं। कोरोना संक्रमण और लॉक डाउन के चलते सप्ताह भर से केवल 2 हज़ार श्रमिक प्रति दिन काम में आ रहे हैं।सीईओ ने सभी सरपंचों और पंचायत जनप्रतिनिधियों को मनरेगा के काम जारी रखने कहा है। उन्होंने श्रमिकों को भी कोरोना से बचाव के उपायों को अपनाते हुए काम में आने की अपील की है।
बलौदाबाजार - भाटापारा मनरेगा काम नहीं होने से कर्मचारी हो सकते हैं वेतन से वंचित काम शुरू करने जिला पंचायत सीईओ के कड़े निर्देश
Wednesday, April 8, 2020
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जिला पंचायत के सीईओ आशुतोष पाण्डेय ने मनरेगा के तहत गांवों में श्रम मूलक कार्यों को तत्काल शुरू करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग सहित कोविद प्रोटोकॉल के अंतर्गत काम जारी रखने में कोई अड़चन नहीं है। राज्य शासन के भी इस संबंध स्पष्ट निर्देश हैं। मनरेगा कार्यों की प्रगति का यह उचित समय भी है। यदि वर्तमान में काम आगे नहीं बढ़ पाया तो इस योजना के अंतर्गत काम करने वाले लगभग 1 हज़ार कर्मचारियों को वेतन के लाले पड़ सकते हैं। क्योंकि मनरेगा खर्च के अनुपात में ही उसका एक निश्चित हिस्सा वेतन और प्रशासनिक कार्यों में खर्च किया जा सकता है। कर्मचारियों के वेतन और प्रशासनिक कार्यो के लिए नियमों में अलग से राशि का प्रावधान नहीं होता है। फिलहाल सभी ग्राम पंचायतों में रोज़गार सहायक, जनपदों में तकनीकी सहायक, कंप्यूटर ऑपरेटर, एपीओ आदि कर्मचारी कार्यरत हैं। सीईओ ने बताया कि जिले में मनरेगा के अंतर्गत लगभग 4.5 लाख श्रमिक पंजीकृत हैं। कोरोना संक्रमण और लॉक डाउन के चलते सप्ताह भर से केवल 2 हज़ार श्रमिक प्रति दिन काम में आ रहे हैं।सीईओ ने सभी सरपंचों और पंचायत जनप्रतिनिधियों को मनरेगा के काम जारी रखने कहा है। उन्होंने श्रमिकों को भी कोरोना से बचाव के उपायों को अपनाते हुए काम में आने की अपील की है।
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