छत्तीसगढ़
पूरे प्रदेश में कोरोना वायरस को लेकर लॉकडाउन किया गया है तो वहीं कई शहरों में धारा144 लागू किये गए हैं महामारी से बचने के लिए ऐहतियात बरती जा रही हैं तो वहीं दूसरी ओर गरियाबंद जिले के एक मात्र धान संग्रहण केन्द्र में सारे नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए मजदूरों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है कुंडेल धान संग्रहण केन्द्र में सुरक्षा के नाम पर कुछ भी नजर नहीं आ रही हैं मजदूरों को न ही मास्क दिया गया है और न ही सेनेटाइजर उपलब्ध कराया गया है धान संग्रहण केंद्र में लगभग700 लोग कार्यरत हैं ।वहीं जिले में धारा 144 लागू होने व लागडाउन के बाद भी इतने मजदूर इक्कठे काम करते नजर आ रहे हैं जब मौके पहुचे तो गेट पर मिडिया का प्रवेश वर्जित लिखा था साथ ही अन्दर जाने से मना भी कर दिया जिसके बाद मजदूरो को बाहर बुलाकर चर्चा किया तब पता चला की उनके स्वाथ्य परिछन की कोई सुविधा उपलभ्ध नहीं मजदूरों ने बताया कि कोरोना जैसे महामारी से हमे भी डर सता रहा है और हम लोग कोई भी काम नहीं करना चाहते हैं उसके बाद भी जिला प्रशासन के दबाव के चलते अपने जान को हथेली में रखकर काम करना पड़ रहा है काम से मना करने पर बाहर से मजदूर लाने की बात कह रहे हैं एक तरफ कोरोना का भय है तो वहीं दूसरी तरफ रोजी रोटी का भय सता रहा है क्रोना जैसे महामारी को लेकर जिलाप्रशाशन गम्भिर नजर नहीं आ रहे है और मजदूरो को अपनी जान का खतरा सताने लगी है वही संग्रहण केंद्र प्रभारी मिडिया से बात से मना कर दिया बहरहाल अब देखने वाली बात होगी की अब जिला प्रशाशन इस मामले को लेकर क्या कदम उठाती है यह तो आने वाला समय ही बातएगा
मजदूरो के साथ खिलवाड़
Tuesday, March 24, 2020
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पूरे प्रदेश में कोरोना वायरस को लेकर लॉकडाउन किया गया है तो वहीं कई शहरों में धारा144 लागू किये गए हैं महामारी से बचने के लिए ऐहतियात बरती जा रही हैं तो वहीं दूसरी ओर गरियाबंद जिले के एक मात्र धान संग्रहण केन्द्र में सारे नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए मजदूरों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है कुंडेल धान संग्रहण केन्द्र में सुरक्षा के नाम पर कुछ भी नजर नहीं आ रही हैं मजदूरों को न ही मास्क दिया गया है और न ही सेनेटाइजर उपलब्ध कराया गया है धान संग्रहण केंद्र में लगभग700 लोग कार्यरत हैं ।वहीं जिले में धारा 144 लागू होने व लागडाउन के बाद भी इतने मजदूर इक्कठे काम करते नजर आ रहे हैं जब मौके पहुचे तो गेट पर मिडिया का प्रवेश वर्जित लिखा था साथ ही अन्दर जाने से मना भी कर दिया जिसके बाद मजदूरो को बाहर बुलाकर चर्चा किया तब पता चला की उनके स्वाथ्य परिछन की कोई सुविधा उपलभ्ध नहीं मजदूरों ने बताया कि कोरोना जैसे महामारी से हमे भी डर सता रहा है और हम लोग कोई भी काम नहीं करना चाहते हैं उसके बाद भी जिला प्रशासन के दबाव के चलते अपने जान को हथेली में रखकर काम करना पड़ रहा है काम से मना करने पर बाहर से मजदूर लाने की बात कह रहे हैं एक तरफ कोरोना का भय है तो वहीं दूसरी तरफ रोजी रोटी का भय सता रहा है क्रोना जैसे महामारी को लेकर जिलाप्रशाशन गम्भिर नजर नहीं आ रहे है और मजदूरो को अपनी जान का खतरा सताने लगी है वही संग्रहण केंद्र प्रभारी मिडिया से बात से मना कर दिया बहरहाल अब देखने वाली बात होगी की अब जिला प्रशाशन इस मामले को लेकर क्या कदम उठाती है यह तो आने वाला समय ही बातएगा
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